Kabhi na sochna akele ho tum,
Akele hona Nahi hai koi jurm!
कभी न सोचना अकेले हो तुम,
अकेले होना नही है कोई जुर्म!
Kabhi na sochna akele ho tum,
Akele hona Nahi hai koi jurm!
कभी न सोचना अकेले हो तुम,
अकेले होना नही है कोई जुर्म!
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….
उठता है तूफान सीने में जब
जहन में सवाल इक आता है
जब जाना ही है दूर तो
क्यों करीब कोई आता है
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….
जिसे देखना भी नही मुनासिब
आंखे बंद कर करीब उसी को पता है
ढूंढ ले खामियां उसकी हजार पर
दिल तो आज भी बेहतर उसी को बताता है
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….
सपने देखता है नई दुनिया बसाने के तू
नींद तेरी आज भी वही चुराता है
बेख्याल होने का करले तमसील भले
मिलने का ख्याल तो आज भी सताता है
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….
If you can’t feed a hundred people,then just feed one.you have never really lived untill you have done something for someone who can never repay you. May humanity he our race. be the reason someone smile today…harsh✍️