इन मजिलों से ज़्यादा मयस्सर कोई नहीं,
मेरे रास्तों से ज़्यादा हमसफर कोई नहीं,
बुझती नहीं अब प्यास इस समंदर से भी,
इस प्यास से ज़्यादा समंदर कोई नहीं…🍂
Enjoy Every Movement of life!
इन मजिलों से ज़्यादा मयस्सर कोई नहीं,
मेरे रास्तों से ज़्यादा हमसफर कोई नहीं,
बुझती नहीं अब प्यास इस समंदर से भी,
इस प्यास से ज़्यादा समंदर कोई नहीं…🍂
उसने छोड़ा और यूं छोड़ा अब मिलते नही है हम
तेरे बाद तेरे बारे में लिखते नही है हम
महफिलों में बैठ कर राज खोले होगे हमने
पर आज कल किसी दूसरे को दिखते नही है हम
Don’t settle. Don’t finish crappy books. If you don’t like the menu, leave the restaurant. If you’re not on the right path, get off it
Chris Brogan