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याद है ना तुम्हें || hindi poetry

याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।

तुम्हारे गुजरे पलों में बेशक मैं नहीं थी
तुम्हारे संग भविष्य की अपेक्षा भी नहीं थी
हां,वर्तमान के कुछ चंद क्षण
साझा करने की ख्वाहिश जरुर थी।

याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।

देखो, आज फिर उंगलियों ने मेरी
कलम उठाई है
कुछ अनसुनी भावनाओं को संग अपने
समेट लाई है
माना ,मेरे शब्दों ने आहत किया तुम्हें
लेकिन क्या,असल भाव को पहचाना तुमने?

याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।

उलझ गए तुम निरर्थक शब्दों में
पढ़ा नहीं जो लिखा है कोमल हृदय में
चल दिए छोड़ उसे, तुम अपनी अना में
बंधे थे हम तुम, जिस अनदेखे रिश्ते की डोर में

याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।

बीत गए कई बारिश के मौसम
क्या धुले नहीं, जमे धूल मन के?
है अर्जी मेरी चले आओ तुम
मेरे भीतर के तम को रोशनी दिखाओ तुम..

याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।

Title: याद है ना तुम्हें || hindi poetry

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Pata nahi kyu || truth shayari punjabi

ਪਤਾ ਨਹੀਂ ਕਿਉਂ post ਤੇ comment like ਹੁੰਦੇ।।
ਮੰਨਿਆ ਕਿ ਲਫ਼ਜ਼ ਕੁੱਝ wrong ਤੇ ਕੁੱਝ right ਹੁੰਦੇ।।

ਮਤਲਬਖੋਰ ਬਣੀ ਏ ਯਾਰੋ ਇਹ ਕੁੱਲ ਦੁਨੀਆਂ,,
ਸਮਾਂ ਵਿਚਾਰਕੇ ਨੇ ਬੜੇ ਲੋਕੀ ਵੇਖੇ side ਹੁੰਦੇ।।

ਸਮੇਂ ਸਿਰ ਨਾ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਏਥੇ ਕਦੇ ਮਿਲੇ ਰੋਟੀ,,
ਪੈਸੇ ਵਿੱਚ ਨੇ ਕਈ ਤਾਂ ਜਮ੍ਹਾਂ ਹੀ ਟਾਇਟ ਹੁੰਦੇ।।

“ਹਰਸ” ਛੁਪਾ ਲੈ,ਭਾਵੇ ਰੱਖ ਲੱਖ ਪਰਦੇ,,
ਹੱਥ ਜੇਬ ਨੂੰ ਪਾਉਣ ਵਾਲੇ ਪੁੱਤ ਨਲਾਇਕ ਹੁੰਦੇ।।

“ਹਰਸ” ਚੇਹਰੇ ਤੋਂ ਪਰਖ ਨਾ ਦਿਲਾਂ ਦੀ ਰੌਸ਼ਨੀ,,
ਬਿਨ੍ਹਾਂ ਡੋਰ ਤੋਂ ਨਾ ਕੰਟਰੋਲ,ਹਵਾ ਚ’ਕਾਇਟ ਹੁੰਦੇ।।

Title: Pata nahi kyu || truth shayari punjabi


Mujh ko kar rahi khamosh hai || khamoshi

Teri khamoshi mujhko kr rahi khamosh hai,

jane tujhe kya hua hai aur kya mera dosh hai,

mai khud se puchu kai swaaal ki kyu tu madhosh hai,

tu premika thi fir kyu sab jaan k bhi bihosh hai..

Title: Mujh ko kar rahi khamosh hai || khamoshi