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कहाँ कहाँ न गया ख़ुद को ढूँढता हुआ
कहाँ कहाँ न गया ख़ुद को ढूँढता हुआ
अफ़्लाक से आता है नालों का जवाब आख़िर
करते हैं ख़िताब आख़िर उठते हैं हिजाब आख़िर
करते हैं ख़िताब आख़िर उठते हैं हिजाब आख़िर
Ek Muddat se ujadte hi chale aaye Hain
Ek Lamhe mein kahan hamen Savar jana hai
Jis tarah din Kate Raat bhi gaya hathon se
Is tarah humne bhi kisi sham Gujar jana hai💯
एक मुद्दत से उजड़ते ही चले आये हैं
एक लम्हे में कहाँ हमें सवर जाना है
जिस तरह दिन कटे रात भी गया हाथों से
इस तरह हमने भी किसी शाम गुज़र जाना है💯
tadapate hai neend ke lie to yahee dua nikalatee hai,
bahut buree hai mohabat,
kisee dushman ko bhee na ho…..
तड़पते है नींद के लिए तो यही दुआ निकलती है,
बहुत बुरी है मोहबत,
किसी दुश्मन को भी ना हो…..