क्या इतना ही जरूरी है इश्क जताना
हर बात पे रूठे हुओ को मनाना
कुछ बाते अनकही भी कहे है
जरूरी नहीं होता है बात पे सर झुकाना
क्या इतना ही जरूरी है इश्क जताना
हर बात पे रूठे हुओ को मनाना
कुछ बाते अनकही भी कहे है
जरूरी नहीं होता है बात पे सर झुकाना
Jadon saath shadd den ge tainu saare
fir udon tera saath dewaga me
sat janama da taa pata nahi
par jadon tak me duniyaa ch haa
udon tak tera saath nahi chhadda
ਜਿਧੈ ਸਾਤ ਸ਼ਡ ਦੇਨ ਗੇ ਤੈਨੂੰ ਸਾਰੇ
ਫਿਰ ਔਧੇ ਤੇਰਾਂ ਸਾਤ ਦੇਵਾਂਗਾ ਮੈਂ
ਸਾਤ ਜਨਮਾ ਦਾ ਤਾਂ ਪਤਾ ਨਹੀਂ
ਪਰ ਜਦੋਂ ਤੱਕ ਮੈਂ ਦੁਨੀਆਂ ਚ ਹਾਂ
ਉਹਦੋਂ ਤੱਕ ਤੇਰਾਂ ਸਾਤ ਨੀ ਸਡਦਾ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷
आग को बुझा देता है क्रोध ।
आग जलते है हवा में, लेकिन चिंगारी में जलता है क्रोध।
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अपना कविता किसी को मत पढ़ाओ।
अगर कोई पढ़ना चाहते है, उसे सच ढूंढ़ने के लिए बताओ।
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जबाब हर बात पे मत दो।
सिर्फ वक्त का इंतज़ार करो।
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जब बन रहे हों, सुनना पड़ता हैं।
जब बन गये हों, लोग सुनने आते हैं।
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रिश्ते आसमान की रूप।
आज बारिश, कल धूप।
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बात लहर की तरह।
जनम देती रिश्ते, टूटती भी रिश्ते, सोचो ज़रा।
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मैदान में जितना राजनीती होता है, उससे भी ज्यादा होता है घर पर।
घर का बाप ही बनता है नेता, नेता पैदा भी होता हे घर पर।
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जो तुम्हे पाता है, वो किसी को मत बताओ।
समय में प्रयोग करो, नहीं तो लोग समझेंगे के तुम मुर्ख हो।