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Karlo ibadat || Hindi shayari || life shayari
Karlo ibadat bhi is waqt se
Ke laut aaye bachpan ek baar fir…
Jab rukte nahi the pair khwabon ke piche se,
Daurhti rahe ye dhadkan ek baar fir…💕
करलो इबादत भी इस वक्त से,
के लौट आए बचपन एक बार फिर…
जब रुकते नहीं थे पैर ख्वाबों के पीछे से,
दौड़ती रहे ये धड़कन एक बार फिर…💕
Title: Karlo ibadat || Hindi shayari || life shayari
Hindi thoughts || two line Hindi thoughts
तुम्हारा सबसे बड़ा दुश्मन हो तुम।
कोई दुश्मन तुम्हारा कुछ बिगाड़ नहीं सकेगा, अगर सही रहो तुम।
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बेवकूफ़ आदमी बिलकुल सोचता नहीं, पागल ज्यादा सोचता है।
जो अपना सोच और वास्तव स्थिति के बीच संतुलित करता है, वो ही जीवन में सफल बनता है।
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अगर विश्वास में तर्क नहीं हो तो, आँखों अंधे हो जाते है।
अगर काम पर भक्ति नहीं हो तो, जीवन में दिशा खो जाते है।
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योगी समझते है संसार का मतलब मृत की जलती चिता।
गृहस्थ को पता है साधना का मतलब पवित्र रूपी अमृता।
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अपने आप को कोई बदल नहीं सकते।
समय सब को बदल देते है- आधुकनिकता के सामने परंपरा झुक जाते।
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कुटिल मन संबंधों को कभी सीधा नहीं होने देता।
जितना कोशिश करो सीधा देखने की, दृष्टि हमेशा टेढ़ा बनता।
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सिर्फ नौकरी मिलने के लिए परीक्षा पास मत करो, पढ़ाई को प्यार करना शिखो।
ज्ञान में जो रस है, प्रेमी के हृदय में उतना नहीं, आँखे खुलकर देखो।
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जानवर हिंसक होते है, लेकिन इंसान चालाक।
इंसान जानवर को बंदी करते है- ह्रदय में बहता हुआ खून बुद्धि को बोले, ‘तलाक’।
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सबसे दुखी है मछली- पानी में अगर वो रोये, तो किसको पता चलेगा।
सबसे सुखी है मेंढक- वो चिल्लाके सबको बताता है, उसे दर्द लगा।
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कम काम करने से, दिमाग धीमा हो जाते है।
ज्यादा काम करने से, दिमाग में ट्रैफिक जैम हो जाते है।
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बाते हवा पे उड़ती है, लेकिन काम धरती का बुनियादी है।
उसे कहने दो के में मूक हु, में खड़ा रहूँगा भूमि पर और वो डूब जायेंगे बालू में।
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कम सोचना बेवकूफ़ी है, ज्यादा सोचना है बीमारी।
नेता की तरह मत सोचो, पागल की तरह भी नहीं, रहो इंसान सही।
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दिमाग में क्या चल रहा है, ह्रदय को भी नहीं पता।
शुद्ध ह्रदय पढ़ नहीं पता प्रदूषित मन की मूर्खता।
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मन के अंदर अंधे कुये की पानी।
बारिश की शुद्धता से मिली हुई धरती की काला पानी।
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चालाक मौका का इंतज़ार में रहता है।
सिर्फ बेवकूफ ने उल्लू की तरह चिल्लाता है।
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कौन क्या बनेंगे, किसी को नहीं पता।
तुलना वो करता है, जिसे खुद से लड़ना नहीं आता।