Junoon mohobbat da ki sawar ho gaya
Sanu Saahan ton vadh ke yaar ho gaya..!!
ਜੁਨੂੰਨ ਮੋਹੁੱਬਤ ਦਾ ਕੀ ਸਵਾਰ ਹੋ ਗਿਆ
ਸਾਨੂੰ ਸਾਹਾਂ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕੇ ਯਾਰ ਹੋ ਗਿਆ..!!
Junoon mohobbat da ki sawar ho gaya
Sanu Saahan ton vadh ke yaar ho gaya..!!
ਜੁਨੂੰਨ ਮੋਹੁੱਬਤ ਦਾ ਕੀ ਸਵਾਰ ਹੋ ਗਿਆ
ਸਾਨੂੰ ਸਾਹਾਂ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕੇ ਯਾਰ ਹੋ ਗਿਆ..!!
Likhan me tere baare geet
meri kalam hairaan likh likh ke
hanju marrh gaye kore kagzaan te akhar ban ke
jo dulhe ne birhe di agh ‘ch sik sik ke
उसके चेहरे में कई राज छुपे हैं, घबराती है बताने से..
कभी बेखौफ करे इजहार कभी, डरे जज्बात जताने से..
कभी आँखों से हटने नहीं देती, कभी फ़र्क नी पड़ता जाने से..
कभी मारने पर हंस पडती है, कभी रोये हाथ लगाने से..
कभी-कभी वो बाज नहीं आती, बेमतलब प्यार लुटाने से..
कभी लगे ना जाने कैसा प्यार है, भर देती दिल वो ताने से..
कभी-कभी वो घबरा जाती है, मुझे अपने पास बुलाने से..
कभी-कभी नहीं थकती वो अपनी, पलकों पे मुझे झूलाने से..
कभी दूर मुझसे है हो जाती, अचानक किसी के आने से..
कभी लड़ पड़ती मेरा हाथ पकड़ कर, मेरे लिए वो भरे जमाने से..
कभी परेशान हो जाता उसके, बेमतलब के शर्माने से..
कभी मुश्किल में फंस जाता हूं, परदा भी उसे कराने से..
अब तो मुझे भी डर है उसके, अचानक ही मुस्कुराने से..
क्या सबकी जिंदगी में है कोई ऐसा, या मेरी ही अलग है जमाने से..