उसकी जुल्फों से छाँव हुई, दिल धूप में बड़ा बेचैन सा था..
ठोकर लगी फिर भी नहीं हटी नजर, वो जादू उसके नैन का था..
उसके हुस्न में डूब के हम, कुछ इस कदर उसके हो गए..
आज सोचता हूं सिर पीट के मैं, जीवन कितना सुख-चैन सा था..
उसकी जुल्फों से छाँव हुई, दिल धूप में बड़ा बेचैन सा था..
ठोकर लगी फिर भी नहीं हटी नजर, वो जादू उसके नैन का था..
उसके हुस्न में डूब के हम, कुछ इस कदर उसके हो गए..
आज सोचता हूं सिर पीट के मैं, जीवन कितना सुख-चैन सा था..
अगर औरत नहीं होती तो मोहब्बत नहीं होती।
अगर बंगाल नहीं होती तो देश नहीं होती।
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हर इंसान में दिल है।
भारत में भी बंगाल है।
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मर्द सिर्फ इंसान होता है।
औरत माँ होती है।
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इंसान को दुःख देने में मजा आता है।
इंसान के दुःख में सिर्फ कुत्ते रोता है।
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जिंदगी का स्टेशन में ट्रैन रोक गयी।
समय कभी रुकता नहीं, छुट्टी गुज़र गयी।
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समय का नदी, में अकेला नहीं।
पिता नाव हे, माँ माझी, जिंदगी यही।
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