जो दर्द छुपा था सहमी सी आँखों में उसकी, वक़्त लगा पर दिख गया..
उसे भी शायद कोई गम था ऐसा, जो बेरहम इस जमाने से झिक गया..
आँखें मूंदी कई बार तो उसने, शायद गम को कहीं वो छुपा सके..
मगर हर आंसू जो उसकी आंखों से बहा, अपने हर दर्द की दास्तां लिख गया..
जो दर्द छुपा था सहमी सी आँखों में उसकी, वक़्त लगा पर दिख गया..
उसे भी शायद कोई गम था ऐसा, जो बेरहम इस जमाने से झिक गया..
आँखें मूंदी कई बार तो उसने, शायद गम को कहीं वो छुपा सके..
मगर हर आंसू जो उसकी आंखों से बहा, अपने हर दर्द की दास्तां लिख गया..
रूप था उसका बहुत विशाल, राक्षस था वो बहुत भारी..
नाम था दशानन उसका, बुद्धि न जिसकी किसी से हारी..
हर कोई डरता था उससे, हो देव, दैत्य, चाहे नर-नारी..
प्रकोप था जिसका लोकों में, धरती कांपती थी सारी..
देखके ताकत को उसकी, भागे खड़े पैर बड़े बाल-धारी..
विशाल साम्राज्य पर उसके, भारी पड़ गई बस एक नारी..
घमंड को उसके चूर कर दिया, कहा समझ ना तू निर्बल नारी..
विधवंश का तेरे समय आ गया, ले आ गयी देख तेरी बारी..
लंका में बचेगा ना जीव कोई, मति जो गई तेरी मारी..
आराध्य से मेरे दूर कर दिया, भुगतेगी तेरी पीढी सारी..
रघुनंदन आए कर सागर पार, आए संग वानर गदा धारी..
एक-एक कर सबको मोक्ष दिया, सियाराम चरण लागी दुनिया सारी..
ਹਰ ਖ਼ਬਰ ਰਖੀਂ ਖ਼ਬਰਾਂ ਦਸਣੀ ਵੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੁੰਦੀ ਆ
ਟੇਕ ਲਵਾਂਗੇ ਹਰ ਦਰ ਤੇ ਮਥੇ
ਜੇ ਕਹਾਣੀ ਇਸ਼ਕ ਦੀ ਐਹ ਪੂਰੀ ਹੁੰਦੀ ਆ
ਜਾਨਣ ਵਾਲਿਆਂ ਲਈ ਵੀ ਅਣਜਾਣ ਹੋ ਗਏ
ਮੈਂ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਚ ਇੱਕ ਗੱਲ ਸਿੱਖੀ
ਕਹਾਣੀ ਪੂਰੀ ਰੱਬ ਦੀ ਮੰਜੂਰੀ ਨਾਲ ਹੁੰਦੀ ਆ
ਉਹ ਜਾਣਦਾ ਐਂ ਕੋਨ ਮਾੜਾ ਤੇ ਕੋਨ ਚੰਗਾ
ਤਾਹੀਂ ਲੋਕਾਂ ਤੋਂ ਐਹ ਸ਼ਾਇਦ ਦੂਰੀ ਹੁੰਦੀ ਆ
ਆਪਣਾਂ ਬਣਾ ਨਾ ਬਹੁਤ ਸੌਖਾ ਹੈ ਹੁੰਦਾ
ਦੇਖ ਮਾੜਾ ਵਕਤ ਲੋਕ ਸਾਥ ਛੱਡ ਜਾਂਦੇ ਨੇ
ਕੁਝ ਪਲ ਦਾ ਪਿਆਰ ਬੱਸ ਮਸ਼ਹੂਰੀ ਹੁੰਦੀ ਆ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷