जो दर्द छुपा था सहमी सी आँखों में उसकी, वक़्त लगा पर दिख गया..
उसे भी शायद कोई गम था ऐसा, जो बेरहम इस जमाने से झिक गया..
आँखें मूंदी कई बार तो उसने, शायद गम को कहीं वो छुपा सके..
मगर हर आंसू जो उसकी आंखों से बहा, अपने हर दर्द की दास्तां लिख गया..
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जो दर्द छुपा था सहमी सी आँखों में उसकी, वक़्त लगा पर दिख गया..
उसे भी शायद कोई गम था ऐसा, जो बेरहम इस जमाने से झिक गया..
आँखें मूंदी कई बार तो उसने, शायद गम को कहीं वो छुपा सके..
मगर हर आंसू जो उसकी आंखों से बहा, अपने हर दर्द की दास्तां लिख गया..
Hun oh bhul gai ee
kol karaara nu
nibha nahi saki jo
kiniyaa de pyaara nu
ਹੁਣ ਉਹ ਭੁੱਲ ਗਈ ਐ
ਕੋਲ ਕਰਾਰਾਂ ਨੂੰ
ਨਿਭਾ ਨਹੀਂ ਸਕੀ ਜੋ
ਕਿੰਨੀਆਂ ਦੇ ਪਿਆਰਾਂ ਨੂੰ।