Kuch aashiq bhi duniya ch jhalle ne …
kuch duniya walo kle ne…
duniya sath nhi dendi eena da…
ee kle hi iss raah te chle ne…?”
Kuch aashiq bhi duniya ch jhalle ne …
kuch duniya walo kle ne…
duniya sath nhi dendi eena da…
ee kle hi iss raah te chle ne…?”
आहट नहीं थी, सुर्ख़ हवाओं में वक्त ना लगा,
वक्त कम था, वो लम्हा गुजरने में वक्त ना लगा,
मैं वक्त का तकाज़ा ले कर बैठा था
चंद खुशियों के इंतजार में,
मेरा घर टूट के बिखरने में वक्त न लगा...
गुरु…
मिट जाएगा सब अंधियारा, शिक्षा का गुणगान करो
बांटे से बढ़ता है ये तो, सदा ज्ञान का दान करो
इस धरती पर गुरूवार ही हमको, परम सत्य बतलाता है
अर्जुन जैसा बनना है तो, गुरूओं का सम्मान करो
सदा ज्ञान के पृष्ठ काले मिलेंगे
जेहन में मकडियों के जाले मिलेंगे
भटकते रहोगे अंधेरों में हरदम
गुरूवार के बिना ना उजाले मिलेंगे
ज्ञान के पांव का गोखुरू हो गये
भीड़ देखी तो फ़ौरन शुरू हो गये
आ गये चैनलों पर चमकने लगे
चन्द चेले जुटाकर गुरू हो गये
ट्यूशन पढ़ा-पढ़ा के मालामाल हो गये
और ज्ञान के सागर के सूखे ताल हो गये
किसका अंगूठा मांग लें, हैं इस फिराक़ में
पहले के गुरू अब गुरू घंटाल हो गये…..
HAPPY TEACHERS DAY 🌺