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खवाहिशों का ये दौर भी थम जयेगा
था यकीन , जो मेरा है वो मिल जाएगा ,
उम्र भर से सिकुड़ा था जो तमन्नाओ का फूल
क्या मालूम था तुझे देख वो खिल जाएगा ।
है उम्मीद तू साथ चलेगा जो मेरे उम्र भर
टूटे खवाबों का ये मेरा टाकिया सील जाएगा ।
सबर करुगा तेरे मेरे मुकम्मल होने का
यू ही एक दिन मेरा जीवन तुझमे ढल जाएगा ।
प्यार किया तो छोड़के जाना जरूरी था क्या
सपना दिखाकर तोड़ना मजबूरी था क्या
हीर रांझे की दी हुई कसमे भी फर्जी था क्या
वक़्त और समझौता के हवाला देकर
प्यार का नया ताज पहनना जरूरी था क्या।
प्यार किया तो छोड़के जाना जरूरी था क्या।
By- lalan raj