बसा ले नज़र में सूरत तुम्हारी,
दिन रात इसी पर हम मरते रहें,
खुदा करे जब तक चले ये साँसे हमारी,
हम बस तुमसे ही प्यार करते रहें ॥
बसा ले नज़र में सूरत तुम्हारी,
दिन रात इसी पर हम मरते रहें,
खुदा करे जब तक चले ये साँसे हमारी,
हम बस तुमसे ही प्यार करते रहें ॥
कल एक झलक ज़िंदगी को देखा,
वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी,
फिर ढूँढा उसे इधर उधर
वो आँख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी,
एक अरसे के बाद आया मुझे क़रार,
वो सहला के मुझे सुला रही थी
हम दोनों क्यूँ ख़फ़ा हैं एक दूसरे से
मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी,
मैंने पूछ लिया- क्यों इतना दर्द दिया
कमबख्त तूने,
वो हँसी और बोली- मैं जिंदगी हूँ पगले
तुझे जीना सिखा रही थी।
Pachtayi bahot us k darwaze par dastak de kar
dard ki inteha ho gai jab uss ne poocha kon ho tum