Don’t settle. Don’t finish crappy books. If you don’t like the menu, leave the restaurant. If you’re not on the right path, get off it
Chris Brogan
Don’t settle. Don’t finish crappy books. If you don’t like the menu, leave the restaurant. If you’re not on the right path, get off it
Chris Brogan
कैसे बताऊं तुम्हे के कौन हो तुम…
हवाओं में फैली है जो खुशबू, उसकी सादगी तुम हो…
मेरी रूह को जो ठंडक दे, वो ताज़गी तुम हो…
सज़दा करू मैं किसका, मेरी दुआओं में तुम,
मेरी वफाओं में तुम, बरसती घटाओं में तुम,
बस तुम ही तुम… तुम हो मेरे आज में मेरे कल में भी तुम,
मेरे हर वक्त में तुम, बस तुम ही तुम…
कैसे बताऊं तुम्हे के कौन हो तुम…
ये धड़कने तुम्हारी है,
मेरे दिल की कीमत समझ लेना,
बिछ जाऊं तुम्हारे क़दमों में,
इसे मेरी मन्नत समझ लेना,
तस्वीर मैं भी हूं तुम्हारी,
मुझे अपनी सीरत समझ लेना…
मेरे साए में भी अब दिखते हो तुम,
कैसे बताऊं तुम्हे के कौन हो तुम…
Muskurauna zindagi ne
tere ton sikhiyaa howega
taa hi shayed hun tak
haase tera hi pakh lainde ne
ਮੁਸਕੁਰਾਉਣਾ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਨੇ
ਤੇਰੇ ਤੋਂ ਸਿੱਖਿਆ ਹੋਵੇਗਾ,
ਤਾਂ ਹੀ ਸ਼ਾਇਦ ਹੁਣ ਤੱਕ
ਹਾਸੇ ਤੇਰਾ ਹੀ ਪੱਖ ਲੈਂਦੇ ਨੇ