Haa thodi udaas jehi ho jaani aa
jado koi koi kehnda
ajh kal oh kithe ne
jinu apni duniyaa daseyaa lkardi si
ਹਾ ਥੋੜੀ ਉਦਾਸ ਜਹੀ ਹੋ ਜਾਨੀ ਆ
ਜਦੋ ਕੋਈ ਕੋਈ ਕਹਿੰਦਾ
ਅੱਜ ਕੱਲ ਉਹ ਕਿਥੇ ਨੇ
ਜਿਨੂੰ ਆਪਣੀ ਦੁਨੀਆਂ ਦੱਸਿਆ ਕਰਦੀ ਸੀ
Haa thodi udaas jehi ho jaani aa
jado koi koi kehnda
ajh kal oh kithe ne
jinu apni duniyaa daseyaa lkardi si
ਹਾ ਥੋੜੀ ਉਦਾਸ ਜਹੀ ਹੋ ਜਾਨੀ ਆ
ਜਦੋ ਕੋਈ ਕੋਈ ਕਹਿੰਦਾ
ਅੱਜ ਕੱਲ ਉਹ ਕਿਥੇ ਨੇ
ਜਿਨੂੰ ਆਪਣੀ ਦੁਨੀਆਂ ਦੱਸਿਆ ਕਰਦੀ ਸੀ
एक स्थान पर जीर्णधन नाम का बनिये का लड़का रहता था । धन की खोज में उसने परदेश जाने का विचार किया । उसके घर में विशेष सम्पत्ति तो थी नहीं, केवल एक मन भर भारी लोहे की तराजू थी । उसे एक महाजन के पास धरोहर रखकर वह विदेश चला गया । विदेश स वापिस आने के बाद उसने महाजन से अपनी धरोहर वापिस मांगी । महाजन ने कहा—-“वह लोहे की तराजू तो चूहों ने खा ली ।”
बनिये का लड़का समझ गया कि वह उस तराजू को देना नहीं चाहता । किन्तु अब उपाय कोई नहीं था । कुछ देर सोचकर उसने कहा—“कोई चिन्ता नहीं । चुहों ने खा डाली तो चूहों का दोष है, तुम्हारा नहीं । तुम इसकी चिन्ता न करो ।”
थोड़ी देर बाद उसने महाजन से कहा—-“मित्र ! मैं नदी पर स्नान के लिए जा रहा हूँ । तुम अपने पुत्र धनदेव को मेरे साथ भेज दो, वह भी नहा आयेगा ।”
महाजन बनिये की सज्जनता से बहुत प्रभावित था, इसलिए उसने तत्काल अपने पुत्र को उनके साथ नदी-स्नान के लिए भेज दिया ।
बनिये ने महाजन के पुत्र को वहाँ से कुछ दूर ले जाकर एक गुफा में बन्द कर दिया । गुफा के द्वार पर बड़ी सी शिला रख दी, जिससे वह बचकर भाग न पाये । उसे वहाँ बंद करके जब वह महाजन के घर आया तो महाजन ने पूछा—“मेरा लड़का भी तो तेरे साथ स्नान के लिए गया था, वह कहाँ है ?”
बनिये ने कहा —-“उसे चील उठा कर ले गई है ।”
महाजन —“यह कैसे हो सकता है ? कभी चील भी इतने बड़े बच्चे को उठा कर ले जा सकती है ?”
बनिया—“भले आदमी ! यदि चील बच्चे को उठाकर नहीं ले जा सकती तो चूहे भी मन भर भारी तराजू को नहीं खा सकते । तुझे बच्चा चाहिए तो तराजू निकाल कर दे दे ।”
इसी तरह विवाद करते हुए दोनों राजमहल में पहुँचे । वहाँ न्यायाधिकारी के सामने महाजन ने अपनी दुःख-कथा सुनाते हुए कहा कि, “इस बनिये ने मेरा लड़का चुरा लिया है ।”
धर्माधिकारी ने बनिये से कहा —“इसका लड़का इसे दे दो ।
बनिया बोल—-“महाराज ! उसे तो चील उठा ले गई है ।”
धर्माधिकारी —-“क्या कभी चील भी बच्चे को उठा ले जा सकती है ?”
बनिया —-“प्रभु ! यदि मन भर भारी तराजू को चूहे खा सकते हैं तो चील भी बच्चे को उठाकर ले जा सकती है ।”
धर्माधिकारी के प्रश्न पर बनिये ने अपनी तराजू का सब वृत्तान्त कह सुनाया ।
सीख : जैसे को तैसा
Tera time changa jo asin tainu yaad karde aa
je saadha time aa gya fir luk luk ke royeaa karega
ਤੇਰਾ ਟਾਇਮ ਚੰਗਾ ਜੋ ਅਸੀ ਤੈਨੂੰ ਯਾਦ ਕਰਦੇ ਆ ,
ਜੇ ਸਾਡਾ ਟਾਇਮ ਆ ਗਿਆ ਫਿਰ ਲੁਕ ਲੁਕ ਕੇ ਰੋਇਆ ਕਰੇੇੇੇਗਾ।।