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Falsale zindagi ke || Romantic Hindi Shayari

Hello reader, Today I am going to share you the best collection of Romantic Hindi Shayari which you will definitely going to love and share with your boyfriend, girlfriend or anyone who you love the most.

फलसफे ज़िन्दगी के है पेचीदा इतने की
चलने से पहले मेरी राहें बिखर जाती है
हज़ार ज़ख्मो के बाद अब ये आलम है
इश्क़ के नाम से ही मेरी रूह सिहर जाती है!

 


वो बेहिसाब जो पी के कल शराब आया
अगरचे मस्त था मैं पर मुझे हिजाब आया
इधर ख्याल मेरे दिल में ज़ुल्फ़ का गुज़रा
उधर वो खता हुआ दिल में पेच-औ-तब आया
ख्याल किस का समय है दीदा-औ-दिल में
न दिल को चैन मुझे और न शब् को ख्वाब आया!

 


खो गयी शाम किसी के इंतज़ार में,
ढल गयी रात किसी के इंतज़ार में,
फिर हुआ सवेरा किसी के इंतज़ार में,
इंतज़ार की आदत हो गयी किसी के इंतज़ार में..

sad hindi shayari kuchh matlab ke liye
कुछ मतलब के लिए ढूँढ़ते हे मुजको
बिन मतलब जो आए तो क्या बात हे
कतल कर के तो सब ले जाएँगे दिल मेरा
कोई बातों से ले जाये तो क्या बात हे!
 
sad hindi shayari image
फलसफे ज़िन्दगी के है पेचीदा इतने की
चलने से पहले मेरी राहें बिखर जाती है
हज़ार ज़ख्मो के बाद अब ये आलम है
इश्क़ के नाम से ही मेरी रूह सिहर जाती है!

image credit: lovesadshayar.in




Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


kujh ku tasveera || 2 lines shayari

Kujh ku tasveera v ne tere ghar pishle baag diyaa
kujh sufne tuttde te kujh tandaa jagdiyaa

ਕੁਝ ਕੁ ਤਸਵੀਰਾਂ ਵੀ ਨੇ ਤੇਰੇ ਘਰ ਪਿਛਲੇ ਬਾਗ ਦੀਆਂ
ਕੁਝ ਸੁਫਨੇ ਟੁੱਟਦੇ ਤੇ ਕੁਝ ਤੰਦਾਂ ਜਾਗਦੀਆਂ

Title: kujh ku tasveera || 2 lines shayari


Ek aurat || hindi poetry

👧 *बाँझपन एक कलंक क्यों ???*👧

एक औरत माँ बने तो जीवन सार्थक
अगर माँ न बने तो जीवन ही निरथर्क,
किसने कहा है ये, कहाँ लिखा है ये,
कलंकित बोल-बोल जीवन बनाते नरक।

बाँझ बोलकर हर कोई चिढ़ाते,
शगुन-अपशगुन की बात समझाते।
बंजर ज़मीं का नाम दिया है मुझे,
पीछे क्या, सामने ही मेरा मज़ाक़ उड़ाते।

ममत्व का पाठ मैं भी जानती,
हर बच्चे को अपना मानती,
कोख़ से जन्म दूँ, ज़रूरी नहीं,
लहू का रंग मैं भी पहचानती।

आँचल में मेरे है प्यार भरा,
ममता की मूरत हूँ देख ज़रा,
क़द्र जानूँ मैं बच्चों की,
नज़र से मुझे ज़माने न गिरा।

कलंक नहीं हूँ इतना ज़रा बता दूँ,
समाज को एक नया पाठ सीखा दूँ,
बच्चा न जन्म दे सकी तो क्या,
समाज पे बराबर का हक़ मैं जता दूँ।
समाज पे बराबर का हक़ मैं जता दूँ।

Title: Ek aurat || hindi poetry