Hamsafar bahut ne par koi v jachda nahi
tere siwa koi chehra dil vich vasda nahi
ਹਮਸਫ਼ਰ ਬਹੁਤ ਨੇ ਪਰ ਕੋਈ ਵੀ ਜਚਦਾ ਨਹੀਂ ,
ਤੇਰੇ ਸਿਵਾ ਕੋਈ ਚੇਹਰਾ ਦਿਲ ਵਿਚ ਵਸਦਾ ਨਹੀ 😊
Hamsafar bahut ne par koi v jachda nahi
tere siwa koi chehra dil vich vasda nahi
ਹਮਸਫ਼ਰ ਬਹੁਤ ਨੇ ਪਰ ਕੋਈ ਵੀ ਜਚਦਾ ਨਹੀਂ ,
ਤੇਰੇ ਸਿਵਾ ਕੋਈ ਚੇਹਰਾ ਦਿਲ ਵਿਚ ਵਸਦਾ ਨਹੀ 😊

काश,जिंदगी सचमुच किताब होती
पढ़ सकता मैं कि आगे क्या होगा?
क्या पाऊँगा मैं और क्या दिल खोयेगा?
कब थोड़ी खुशी मिलेगी, कब दिल रोयेगा?
काश जिदंगी सचमुच किताब होती,
फाड़ सकता मैं उन लम्हों को
जिन्होने मुझे रुलाया है..
जोड़ता कुछ पन्ने जिनकी यादों ने मुझे हँसाया है…
खोया और कितना पाया है?
हिसाब तो लगा पाता कितना
काश जिदंगी सचमुच किताब होती,
वक्त से आँखें चुराकर पीछे चला जाता..
टूटे सपनों को फिर से अरमानों से सजाता
कुछ पल के लिये मैं भी मुस्कुराता,
काश, जिदंगी सचमुच किताब होती।