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Hindi thoughts || two line Hindi thoughts

तुम्हारा सबसे बड़ा दुश्मन हो तुम।

कोई दुश्मन तुम्हारा कुछ बिगाड़ नहीं सकेगा, अगर सही रहो तुम।

बेवकूफ़ आदमी बिलकुल सोचता नहीं, पागल ज्यादा सोचता है।

जो अपना सोच और वास्तव स्थिति के बीच संतुलित करता है, वो ही जीवन में सफल बनता है।

अगर विश्वास में तर्क नहीं हो तो, आँखों अंधे हो जाते है।   

अगर काम पर भक्ति नहीं हो तो, जीवन में दिशा खो जाते है।

योगी समझते है संसार का मतलब मृत की जलती चिता।

गृहस्थ को पता है साधना का मतलब पवित्र रूपी अमृता।

अपने आप को कोई बदल नहीं सकते।

समय सब को बदल देते है- आधुकनिकता के सामने परंपरा झुक जाते। 

कुटिल मन संबंधों को कभी सीधा नहीं होने देता।

जितना कोशिश करो सीधा देखने की, दृष्टि हमेशा टेढ़ा बनता।

सिर्फ नौकरी मिलने के लिए परीक्षा पास मत करो, पढ़ाई को प्यार करना शिखो।

ज्ञान में जो रस है, प्रेमी के हृदय में उतना नहीं, आँखे खुलकर देखो।

जानवर हिंसक होते है, लेकिन इंसान चालाक।

इंसान जानवर को बंदी करते है- ह्रदय में बहता हुआ खून बुद्धि को बोले, ‘तलाक’।

सबसे दुखी है मछली- पानी में अगर वो रोये, तो किसको पता चलेगा।

सबसे सुखी है मेंढक- वो चिल्लाके सबको बताता है, उसे दर्द लगा।

कम काम करने से, दिमाग धीमा हो जाते है।

ज्यादा काम करने से, दिमाग में ट्रैफिक जैम हो जाते है।

बाते हवा पे उड़ती है, लेकिन काम धरती का बुनियादी है।

उसे कहने दो के में मूक हु, में खड़ा रहूँगा भूमि पर और वो डूब जायेंगे बालू में।

कम सोचना बेवकूफ़ी है, ज्यादा सोचना है बीमारी।

नेता की तरह मत सोचो, पागल की तरह भी नहीं, रहो इंसान सही।

दिमाग में क्या चल रहा है, ह्रदय को भी नहीं पता।

शुद्ध ह्रदय पढ़ नहीं पता प्रदूषित मन की मूर्खता।

मन के अंदर अंधे कुये की पानी।

बारिश की शुद्धता से मिली हुई धरती की काला पानी।

चालाक मौका का इंतज़ार में रहता है।

सिर्फ बेवकूफ ने उल्लू की तरह चिल्लाता है।

कौन क्या बनेंगे, किसी को नहीं पता।

तुलना वो करता है, जिसे खुद से लड़ना नहीं आता।

Title: Hindi thoughts || two line Hindi thoughts

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Aye dost Mehsoos ki hai teri zaroorat

Aye dost hum ne tark-e-mohabbat ke bawjood,
Mehsoos ki hai teri zaroorat kabhi kabhi..

Title: Aye dost Mehsoos ki hai teri zaroorat


Bulleh shah poetry || aakhan vich dil jaani peyaareyaa

Aakhan vich dil jaani pyaareya
kehi chettak layeaa e
me tere vich jara na judai
saathon aap chhpayea e
majhi aayeaa raanjha yaar na aaeyea
fook birho doleyaa e
aakhan vich dil jaani peyaareyaa
me nedhe mainu door kyu disna ae
sathon aap chhupayea e
han vich dil jaani peyaareyaa
vich misar de vaang julekha
ghungat khol rulaayea e
aakhan vich dil jaani peyaareyaa
Shooh bulleh de sir par burka
tere ishq nachaayea e
aakhan vich dil jaani peyaareyaa
kehi chettak layeaa e

ਅੱਖਾਂ ਵਿਚ ਦਿਲ ਜਾਨੀ ਪਿਆਰਿਆ,
ਕੇਹੀ ਚੇਟਕ ਲਾਇਆ ਈ ।
ਮੈਂ ਤੇਰੇ ਵਿਚ ਜੱਰਾ ਨਾ ਜੁਦਾਈ,
ਸਾਥੋਂ ਆਪ ਛੁਪਾਇਆ ਈ ।
ਮਝੀਂ ਆਈਆਂ ਰਾਂਝਾ ਯਾਰ ਨਾ ਆਇਆ,
ਫੂਕ ਬਿਰਹੋਂ ਡੋਲਾਇਆ ਈ
ਅੱਖਾਂ ਵਿਚ ਦਿਲ ਜਾਨੀ ਪਿਆਰਿਆ ।
ਮੈਂ ਨੇੜੇ ਮੈਨੂੰ ਦੂਰ ਕਿਉਂ ਦਿਸਨਾ ਏਂ,
ਸਾਥੋਂ ਆਪ ਛੁਪਾਇਆ ਈ
ਅੱਖਾਂ ਵਿਚ ਦਿਲ ਜਾਨੀ ਪਿਆਰਿਆ ।
ਵਿਚ ਮਿਸਰ ਦੇ ਵਾਂਗ ਜ਼ੁਲੈਖ਼ਾਂ,
ਘੁੰਗਟ ਖੋਲ੍ਹ ਰੁਲਾਇਆ ਈ
ਅੱਖਾਂ ਵਿਚ ਦਿਲ ਜਾਨੀ ਪਿਆਰਿਆ ।
ਸ਼ੌਹ ਬੁੱਲ੍ਹੇ ਦੇ ਸਿਰ ਪਰ ਬੁਰਕਾ,
ਤੇਰੇ ਇਸ਼ਕ ਨਚਾਇਆ ਈ
ਅੱਖਾਂ ਵਿਚ ਦਿਲ ਜਾਨੀ ਪਿਆਰਿਆ,
ਕੇਹੀ ਚੇਟਕ ਲਾਇਆ ਈ ।
✍ Bulleh Shah

Title: Bulleh shah poetry || aakhan vich dil jaani peyaareyaa