इक इश्तहार छपा है अखबार में,
खुली सांसे भी बिकने लगी बाज़ार में,
रूह भी निचोड़ ली उसकी,
काट दी ज़बान बेगुनाह की,
मसला कुछ ज़रूरी नहीं,
बस थोड़ी बहस चलती है सरकार में...
इक इश्तहार छपा है अखबार में,
खुली सांसे भी बिकने लगी बाज़ार में,
रूह भी निचोड़ ली उसकी,
काट दी ज़बान बेगुनाह की,
मसला कुछ ज़रूरी नहीं,
बस थोड़ी बहस चलती है सरकार में...
Rabb ton fariyaad karaa teri khushiyaa lai
har pal yaad karaa bina supne vekhiyaa
pata ni kamleyaa tu ki chahunda aa
me apniyaa khushiyaa v kurbaan kara tere lai
ਰੱਬ ਤੋ ਫਰਿਆਦ ਕਰਾਂ ਤੇਰੀ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਲਈ,
ਹਰ ਪਲ ਯਾਦ ਕਰਾਂ ਬਿਨਾ ਸੁਪਨੇ ਵੇਖਿਆਂ …
ਪਤਾ ਨੀ ਕਮਲਿਆਂ ਤੂੰ ਕੀ ਚਾਹੁੰਦਾ ਆ
ਮੈ ਆਪਣੀਆਂ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਵੀ ਕੁਰਬਾਨ ਕਰਾਂ ਤੇਰੇ ਲਈ…