
Eh na ruke loki rokna chahe
Mein kru mohobbat sari duniya nu
Koi Menu karna chahe ya na chahe🌼

मैं मुकम्मल होके भी अधूरा ही रहा हु ,
तमाम आजमइशों के बाद भी अकेला ही रहा हु ।
मैं हर बार करता रहा जिसकी हसी की दुआ
बदले मे इसके हर बार रोता रहा हूँ ।
हर बार बेवजह रूठता है कोई मुझसे
लाख कोशिशों के बाद भी खुद को खोटा रहा हूँ ।
मेरी कोशीशे मिटा रही है तमाम जख्मो को मेरे ,
दूसरी तरफ जज़बातो की आड़ मे एनहे खुरेद रहा हूँ ।
teree vaphaon ka samandar kisee aur ke lie hoga,
ham to tere saahil se roj pyaase hee gujar jaate hain….
तेरी वफाओं का समन्दर किसी और के लिए होगा,
हम तो तेरे साहिल से रोज प्यासे ही गुजर जाते हैं….