jhuthe husn/bewafa shayari
Bach k rho ehna husna ton yaaro
Eh jaan jaan keh k hi jaan lende ne..
Enjoy Every Movement of life!
jhuthe husn/bewafa shayari
Bach k rho ehna husna ton yaaro
Eh jaan jaan keh k hi jaan lende ne..

कड़ी धूप हो या हो शीतकाल,
हल चलाकर न होता बेहाल.
रिमझिम करता होगा सवेरा,
इसी आस में न रोकता चाल.
खेती बाड़ी में जुटाता ईमान,
महान पुरूष हैं, है वो किसान.
छोटे-छोटे से बीज बोता,
वही एक बड़ा खेत होता.
जिसकी दरकार होती उसे,
बोकर उसे वह तभी सोता.
खेतो का कण-कण हैं जिसकी जान,
महान पुरूष है, है वो किसान.
तरुण चौधरी