jhuthe husn/bewafa shayari
Bach k rho ehna husna ton yaaro
Eh jaan jaan keh k hi jaan lende ne..
Teri judaai vi manzoor e
Ruswaai vi manzoor e
Nahi rakhde wafa di umeed tethon
Bewafai vi manzoor e..!!
ਤੇਰੀ ਜੁਦਾਈ ਵੀ ਮਨਜ਼ੂਰ ਏ ਸਾਨੂੰ
ਰੁਸਵਾਈ ਵੀ ਮਨਜ਼ੂਰ ਏ
ਨਹੀਂ ਰੱਖਦੇ ਵਫ਼ਾ ਦੀ ਉਮੀਦ ਤੈਥੋਂ
ਬੇਵਫਾਈ ਵੀ ਮਨਜ਼ੂਰ ਏ..!!
नफ़रत का भाव ज्यों ज्यों खोता चला गया, मैं रफ्ता रफ्ता आदमी होता चला गया। फिर हो गया प्यार की गंगा से तर बतर, गुजरा जिधर से सबको भिगोता चला गया। सोचा हमेशा मुझसे किसी का बुरा न हो, नेकी हुई तो दरिया में डुबोता चला गया। कटुता की सुई लेके खड़े थे जो मेरे मीत, सद्भावना के फूल पिरोता चला गया। जितना सुना था उतना जमाना बुरा नहीं, विश्वास अपने आप पर होता चला गया। अपने से ही बनती है बिगड़ती है ये दुनियां, मैं अपने मन के मैल को धोता चला गया। उपजाऊ दिल है बेहद मेरे शहर के लोग, हर दिल में बीज प्यार का बोता चला गया।...