jatt di charcha othe hundi jithe naa koi khade rakanne
yaara de vich hisaab na layiye pave bathera pde rakanne
sabi…….
jatt di charcha othe hundi jithe naa koi khade rakanne
yaara de vich hisaab na layiye pave bathera pde rakanne
sabi…….
हवा बहती हुई यूं मदधम सी, गा रही है एक तराना..
मेरे यार का लाई है संदेश, जिसपे नहीं है पता ठिकाना..
उस खत में लिखे हैं शब्द दो ही, अब कैसे जाए पहचाना..
आए तुम्हे जब याद मेरी, तुम प्यार से मुझे बुलाना..
मैं आउंगी ये वादा है, चाहे रोके सारा जमाना..
क्या भूल गई वादा वो अपना, इस गम में है दिल दीवाना..
क्या मै करूँ, चाहता है दिल, करीब उसके अब चले जाना..
मैं रोक नहीं सकता अब उसको, मुश्किल है सब्र कराना..
मैने हवा से की फरियाद के वापस मुझे अपने साथ ले जाना..
मैं आऊं कहां, मेरे यार का पता पुछ के मुझे बताना..
उसकी झलक को हूं मैं तरस गया, बस एक बार दिखला ना..
टालने में वो माहिर है, पर तू करना ना कोई बहाना..
क्यूं नहीं मिलता वो मुझसे, उसे मिलके है पता लगाना..
मुझे जानना है, वो है कहां, उसे क्यूं नहीं है यहां आना..
उसे कहदे मैं न भूलूंगा, चाहे भूले सारा जमाना..
गर वो नहीं आ सकती तो उसे पड़ेगा मुझे बुलाना..
हवा भी हो गई परेशान, वो चाहे मुझे समझाना..
जहां यार मेरा, मैं जा नहीं सकता, है दूर देश अंजाना….
hun sab khatam jeha lagda e
mea jeen da hun ji ni karda
ki kariye ishq de naa te v darr jeha lagda e
mera pyaar da naa lain nu v jee ni karda
ਹੁਣ ਸਭ ਖਤਮ ਜੇਹਾ ਲਗਦਾ ਐ
ਮੇਰਾ ਜੀਣ ਦਾ ਹੁਣ ਜੀ ਨੀ ਕਰਦਾ
ਕੀ ਕਰਿਏ ਇਸ਼ਕ ਦੇ ਨਾਂ ਤੇ ਵੀ ਡਰ ਜਿਹਾਂ ਲਗਦਾ ਐ
ਮੇਰਾ ਪਿਆਰ ਦਾ ਨਾ ਲੇਣ ਨੂੰ ਵੀ ਜੀ ਨੀ ਕਰਦਾ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷