![Hindi sad shayari || जुदा तुमने मुझे कियालेकिन खुश आज फिर भी तुम नहीं।यह चांद बुझा-बुझा सा लग रहा हैपास से न तो दूर से ही सही ।।दु:ख तो बहुत मुझे तेरे दर्द काअपना ना तो पराया ही सही ।काश ! मैं तेरे दर्द भी अपनी तरफ मोड़ पातापर मैं बदकिस्मत तेरे हाथ की एक लकीर तक नहीं ।।](https://zindagiterenaam.com/wp-content/uploads/2022/08/ekVNjAv5-9728587953-f7a28ee4.jpg)
लेकिन खुश आज फिर भी तुम नहीं।
यह चांद बुझा-बुझा सा लग रहा है
पास से न तो दूर से ही सही ।।
दु:ख तो बहुत मुझे तेरे दर्द का
अपना ना तो पराया ही सही ।
काश ! मैं तेरे दर्द भी अपनी तरफ मोड़ पाता
पर मैं बदकिस्मत तेरे हाथ की एक लकीर तक नहीं ।।
ज़िन्दगी के लिए इक ख़ास सलीक़ा रखना
अपनी उम्मीद को हर हाल में ज़िन्दा रखना
उसने हर बार अँधेरे में जलाया ख़ुद को
उसकी आदत थी सरे-राह उजाला रखना
आप क्या समझेंगे परवाज़ किसे कहते हैं।
आपका शौक़ है पिंजरे में परिंदा रखना
बंद कमरे में बदल जाओगे इक दिन लोगो
मेरी मानो तो खुला कोई दरीचा रखना
क्या पता राख़ में ज़िन्दा हो कोई चिंगारी
जल्दबाज़ी में कभी पॉव न अपना रखना
वक्त अच्छा हो तो बन जाते हैं साथी लेकिन वक़्त मुश्किल हो तो बस ख़ुद पे भरोसा रखना
हकीकत कहो तो उन्हें ख्वाब लगता है,
शिकवा करो तो उन्हें मज़ाक लगता है,
कितनी शिद्दत से हम उन्हें याद करतें हैं,
एक वो हैं जिन्हें ये सबकुछ मजाक लगता है