खुद पर रख भरोसा के, रब भी तुझे गैर करेगा.. अपनों की छोड़, तू भी खुद से बैर करेगा... सांस थामकर कर, थोड़े और बुलंद हौंसले कर.. जब निगाहें होगी ज़माने में, रब भी तेरी खैर करेगा...
Enjoy Every Movement of life!
खुद पर रख भरोसा के, रब भी तुझे गैर करेगा.. अपनों की छोड़, तू भी खुद से बैर करेगा... सांस थामकर कर, थोड़े और बुलंद हौंसले कर.. जब निगाहें होगी ज़माने में, रब भी तेरी खैर करेगा...

बहुत गहरे जख्म हैं हमारे,
अपने जख्मों पर हम रोज मरहम लगाते हैं,
अंदर से टूट गए हैं हम पूरी तरह,
लोगों को अपना हाल अच्छा बताते हैं।