Jab kismat meherban nhi hoti na
Toh umeed do ki baarish mein nhi bhigna chaiye
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Jab kismat meherban nhi hoti na
Toh umeed do ki baarish mein nhi bhigna chaiye
सुना है लोग तुझे आँखें भरकर देखते हैं , है मन में क्या उनके ये तो सवाल कर ।
माना लोगों की फितरत अब अच्छी नहीं , अपनी इज्जत का तू तो ज़रा ख्याल कर ।।
बादस्तूर चलती रही नाराजगी जिंदगी में , वक्त बेवक्त काफिर सा न मेरा हाल कर ।
मेरी आदतों में शूमार है तेरी मोहब्बत का सबब , खुदा का शुक्र मना बेवजह न मलाल कर ।।
बागी मिजाज़ रहा दिल का चाहतों के गुबार में , जिससे कभी मोहब्बत थी उससे अब नफरत भी बेमिसाल कर ।
क्या हुआ जो दुआ भी कुबूल न हुई , हासिल कर अपने दर्द को कुछ तो अब बवाल कर ।।
Oh dard hi ki jo aakhraan vich biyaan ho jawe
dard taan oh hai jo akhaan vich nazar aawe
te mehfelaan rulaa jawe