कहाँ कहाँ न गया ख़ुद को ढूँढता हुआ
करते हैं ख़िताब आख़िर उठते हैं हिजाब आख़िर
मांगने से पहले खुद को पूछो, क्या तुम रख पाओ गे।
चलने से पहले खुद को पूछो, कितना दूर जा पाओ गे।
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मन जिनके नियंत्रण में है, वो राजा से भी अमीर होते ।
जो अपने मन को नियंत्रण नहीं कर पाते, वो भिखारी से भी गरीब होते ।
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जो तुम्हे आता है, वो सीखो सही।
दूसरे को दूसरा कुछ आयेगा, लेकिन तुम रहना तुममे ही।
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बारिश निकलती है आँसू की तरह।
आसमान हल्का होता है, अंतरात्मा भी, महसूस करो जरा।
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दिमाग जिनके हाथ में है, उनके कोई हथियार नहीं चाहिए।
क्यूंकि वो सही समय पर दिमाग लगा पाते, उलटी सीधी बिना बताये।
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किसके अंदर क्या है, वो भगवान को भी नहीं पाता।
समय पर निकलता है वो, महाकाल बैठ के सुनता।
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मैं अपने स्थान पर सही।
कौन मुझसे आगे है और कौन पीछे, मुझे पाता नहीं।
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कौन कहां पर रहता है, मुझे कैसे पाता।
मैं तो अपने में खुश, आज़ादी इसे कहता।
na ishq haar maanata,
aur na hee dil baat maanata,
kyon nahin tum hee maan jaate..
ना इश्क़ हार मानता,
और ना ही दिल बात मानता,
क्यों नहीं तुम ही मान जाते..