बिखरे हुए है पन्नें मेरे
खुद को किताबों की तरह सहेजना चाहती हूँ ❣️
बिखरे हुए है पन्नें मेरे
खुद को किताबों की तरह सहेजना चाहती हूँ ❣️
कोई बुतखाने में तो कोई महखाने में सच्चे होते है….
लोग वो है जो जबान के पक्के होते है….
वो महीने भर से भूखी है, खुदा पाने के लिए,
हमारे लिए जिसके पांव के बिच्छु ही मक्के होते है….
मुक्कमल हो इश्क तो बिस्तर पर खत्म हो जाता है,
इसलिए इश्क, रास्ते और किस्से अधूरे ही अच्छे होते है….
हर्ष✍️
💞💞bahane hazar mil jayenge mujhse door jane ke…
💞💞par ye yaad rakhna.. mohobbat ke har kadam par yaad meri hi aayegi…
💞💞बहाने हजार मिल जायेंगे मुझसे दूर जाने के…
💞💞पर ये याद रखना..मोहब्बत के हर कदम पर याद मेरी ही आयेगी…