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Kya waqt yeh mere darmiyaa hai

क्या वक्त ये मेरे दरमियां है,
किसी ने बताया नहीं मुझमें क्या कमियां है,
शाम की खुशियों में गम का अंधेरा क्यूं लाएं,
आज दिल की सुनकर बाहर निकला जाए...
कैद कर लिया है खुद को इन बेड़ियों में,
क्या फर्क है अब मुझमें और कैदियों में,
इन अंजान गलियों में आज थोड़ा फिसला जाए,
आज दिल की सुनकर बाहर निकला जाए...

Title: Kya waqt yeh mere darmiyaa hai

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


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Jado sab kuj milna hi tere dar to aa…fer tha tha bhatkan da ki fayida 😊




अब तो आन पड़ी है || akbar story

अकबर बादशाह को मजाक करने की आदत थी। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा-

“आज से तुम लोगों को पहरेदारी करनी पड़ेगी।”

सुनकर सेठ घबरा गए और बीरबल के पास पहुँचकर अपनी फरियाद रखी।

बीरबल ने उन्हें हिम्मत बँधायी,

“तुम सब अपनी पगड़ियों को पैर में और पायजामों को सिर पर लपेटकर रात्रि के समय में नगर में चिल्ला-चिल्लाकर कहते फिरो, अब तो आन पड़ी है।”

उधर बादशाह भी भेष बदलकर नगर में गश्त लगाने निकले। सेठों का यह निराला स्वांग देखकर बादशाह पहले तो हँसे, फिर बोले-“यह सब क्या है ?”

सेठों के मुखिया ने कहा-

“जहाँपनाह, हम सेठ जन्म से गुड़ और तेल बेचने का काम सीखकर आए हैं, भला पहरेदीर क्या कर पाएँगे, अगर इतना ही जानते होते तो लोग हमें बनिया कहकर क्यों पुकारते?”

बादशाह अकबर बीरबल की चाल समझ गए और अपना हुक्म वापस ले लिया।

Title: अब तो आन पड़ी है || akbar story