लफ्ज़ दर लफ्ज़ बढ़ती गई
चाहत कुछ लिखने की,
ज़हन के खाली पन्नों में कोई मुद्दतों से नहीं उतरा...
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लफ्ज़ दर लफ्ज़ बढ़ती गई
चाहत कुछ लिखने की,
ज़हन के खाली पन्नों में कोई मुद्दतों से नहीं उतरा...
hamane dil jo vaapas maanga to sir jhuka ke bole,
vo to tunt gaya yuhi khelate khelate…
हमने दिल जो वापस मांगा तो सिर झुका के बोले,
वो तो टुंट गया युहि खेलते खेलते…
bas ese jhaat ch zindagi ji rahe aa
ik din sade v adhoore chaah poore honge
ਬਸ ਏਸੇ ਝਾਤ ਚ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਜੀ ਰਹੇ ਆਂ..
ਇਕ ਦਿਨ ਸਾਡੇ ਵੀ ਅਧੂਰੇ ਚਾਅ ਪੂਰੇ ਹੋਣਗੇ..