Skip to content

Shayari | Latest Shayari on Hindi, Punjabi and English

आगरा कौन सा रास्ता जाता है? || birbal akbar story

बादशाह अकबर को शिकार करना बहुत पसंद था। एक बार की बात है, बादशाह अकबर अपने सैनिकों के साथ शिकार पर निकले। शिकार करते-करते वो इतने आगे चले गए कि वो अपने दल से छूट गए। उनके साथ बस कुछ ही सैनिक रह गए थे। अब शाम होने को थी और सूरज ढलने वाला था। साथ ही अकबर और उनके साथ के सैनिकों को भूख भी सताने लगी थी।

बादशाह अकबर को शिकार करना बहुत पसंद था। एक बार की बात है, बादशाह अकबर अपने सैनिकों के साथ शिकार पर निकले। शिकार करते-करते वो इतने आगे चले गए कि वो अपने दल से छूट गए। उनके साथ बस कुछ ही सैनिक रह गए थे। अब शाम होने को थी और सूरज ढलने वाला था। साथ ही अकबर और उनके साथ के सैनिकों को भूख भी सताने लगी थी

काफी दूर निकल आने पर बादशाह अकबर को यह एहसास हुआ कि वो रास्ता भटक गए हैं। वहां आस-पास कोई नजर भी नहीं आ रहा था, जिससे रास्ते के बारे में पूछा जा सकता था। थोड़ी दूर और चलने पर उन्हें एक तिराहा नजर आया। बादशाह को यह देख कर थोड़ी खुशी हुई कि चलो इनमें से कोई न कोई रास्ता राजधानी तक तो जाता ही होगा।

लेकिन, सभी इसी उलझन में थे कि किस रास्ते पर चला जाए। तभी सैनिकों की नजर सड़क किनारे खड़े एक छोटे से लड़के पर पड़ी। वह लड़का बड़ी हैरानी से महाराज के घोड़े और सैनिकों के हथियारों को देख रहा था। सैनिकों ने उस बालक को पकड़कर महाराज के सामने पेश किया।

बादशाह अकबर ने लड़के से पूछा, “ऐ लड़के। इनमें से कौन सा रास्ता आगरा जाता है?” यह बात सुनकर वह बच्चा जोर-जोर से हंसने लगा। यह देखकर राजा को बहुत गुस्सा आया। लेकिन, उन्होंने शांत भाव से उससे उसकी हंसी का कारण पूछा। लड़के ने जवाब दिया, “यह रास्ता चल नहीं सकता है, तो यह आगरा कैसे जाएगा। आगरा पहुंचने के लिए तो आपको खुद चलना पड़ेगा।”

महाराज उस लड़के की सूझबूझ को देख कर चकित रह गए। उन्होंने प्रसन्न होकर उस बच्चे का नाम पूछा। लड़के ने जवाब में अपना नाम महेश दास बताया। महाराज ने उसे इनाम में सोने की अंगूठी दी और दरबार में आने का न्योता दिया। इसके बाद बादशाह अकबर ने लड़के से पूछा, “क्या तुम मुझे बता सकते हो कि किस रास्ते पर चलने से मैं आगरा पहुंच पाऊंगा?” लड़के ने बड़ी ही शालीनता से सही रास्ता बताया और महाराज अपने सैनिकों के साथ आगरा की ओर चल पड़े।

यही लड़का बड़ा होकर बीरबल के नाम से प्रसिद्ध हुआ और बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक कहलाया।

ऊंट की गर्दन || birbal and akbar story hindi

बीरबल की सूझबूझ और हाजिर जवाबी से बादशाह अकबर बहुत रहते थे। बीरबल किसी भी समस्या का हल चुटकियों में निकाल देते थे। एक दिन बीरबल की चतुराई से खुश होकर बादशाह अकबर ने उन्हें इनाम देने की घोषणा कर दी।

काफी समय बीत गया और बादशाह इस घोषणा के बारे में भूल गए। उधर बीरबल इनाम के इंतजार में कब से बैठे थे। बीरबल इस उलझन में थे कि वो बादशाह अकबर को इनाम की बात कैसे याद दिलाएं।

एक शाम बादशाह अकबर यमुना नदी के किनारे सैर का आनंद उठा रहे थे कि उन्हें वहां एक ऊंट घूमता हुआ दिखाई दिया। ऊंट की गर्दन देख राजा ने बीरबल से पूछा, “बीरबल, क्या तुम जानते हो कि ऊंट की गर्दन मुड़ी हुई क्यों होती है?”

बादशाह अकबर का सवाल सुनते ही बीरबल को उन्हें इनाम की बात याद दिलाने का मौका मिल गया। बीरबल से झट से उत्तर दिया, “महाराज, दरअसल यह ऊंट किसी से किया हुआ अपना वादा भूल गया था, तब से इसकी गर्दन ऐसी ही है। बीरबल ने आगे कहा, “लोगों का यह मानना है कि जो भी व्यक्ति अपना किया हुआ वादा भूल जाता है, उसकी गर्दन इसी तरह मुड़ जाती है।”

बीरबल की बात सुनकर बादशाह हैरान हो गए और उन्हें बीरबल से किया हुआ अपना वादा याद आ गया। उन्होंने बीरबल से जल्दी महल चलने को कहा। महल पहुंचते ही बादशाह अकबर ने बीरबल को इनाम दिया और उससे पूछा, “मेरी गर्दन ऊंट की तरह तो नहीं हो जाएगी न?” बीरबल ने मुस्कुराकर जवाब दिया, “नहीं महाराज।” यह सुनकर बादशाह और बीरबल दोनों ठहाके लगाकर हंस दिए।

इस तरह बीरबल ने बादशाह अकबर को नाराज किए बगैर उन्हें अपना किया हुआ वादा याद दिलाया और अपना इनाम लिया।

khafa hu khud se || 2 lines dard sad shayari

”E jindgi mujse is trah na muh mod
mai khafa hu khud se tu is trah na mera dil tod”

jrurtan || zindagi ki hai

kaleya hi jamme aa te kaleya hi marna kise ne chaar din rauna kisse ne do din,ik duje nu roohan de saathi  kehn waale b bas siweyan tak de sathi hunde ne,te us to baad naa rehn wale diya cheeja nu b eh keh ke kadd ditta janda ki age di sukh manao,eh roohan de nae jrurtan de rishte ne jdo tak jism jrurat puri krda ta theek jism khatam ho jaawe taan jrurtan b khatam ho jandiyan,mareya de naal mareya ni janda,bache b pal jande ne,te patni nu b age tor dita janda te pati lyi b koi hor leayi jandi,eh sab jrurtan de rishte ne,ROOHAN da ta ithe koi nishan hi nae

Tu mera ho jaaye || shayari hindi

Kya kehdu jo tu mera ho jaaye,

Kya likhdu jo tu mera ho jaaye,

Bs ek khayaal hai jo sirf mera hai,

Kya sochu aisa jo tu mera ho jaaye,

Wo sath wo parchaayi wo lamhaa jo sirf tere sath ka,

Kya farz karu jo tu mera ho jaaye.

Yaad aate hai wo lamhe wo waqt jo tere sath ghuzaare,

Kaha sajdaa kar aau ki tu fir mera jaaye.

Sab kuch accha tha wqt bhi sath dera tha,

Sab kuch accha tha wqt bhi sath dera tha,

Bs qadr na thi jo aj tu mera ni,

Kaha maafi maang aau ki tu fir mera ho jaaye.

Akele raste || raaste shayari hindi

Kbhi kbhi raste rukne ke hote h
Kon kehta h piche mud ke na dekh
Piche mud nazar utha
Un chehron ko dekh jinme jhuriya jhalak rahi h 
Ankhen Taras rahi h
Sicha h jisne tujhe Umar bhar
Woh hath uth rahi h
Dil mein bas jiske dua h
Woh paaon badh rahi h
Tham le hath un Kapti hathon ka
Jo tujhe banane ke liye khud ko Khote h
Kbhi kbhi raste mudne ke hote h
Kbhi kbhi raste rukne ke hote h
 

ख़ुद पे भरोसा रखना || motivational lige shayari

ज़िन्दगी के लिए इक ख़ास सलीक़ा रखना
अपनी उम्मीद को हर हाल में ज़िन्दा रखना

उसने हर बार अँधेरे में जलाया ख़ुद को
उसकी आदत थी सरे-राह उजाला रखना

आप क्या समझेंगे परवाज़ किसे कहते हैं।
आपका शौक़ है पिंजरे में परिंदा रखना

बंद कमरे में बदल जाओगे इक दिन लोगो
मेरी मानो तो खुला कोई दरीचा रखना

क्या पता राख़ में ज़िन्दा हो कोई चिंगारी
जल्दबाज़ी में कभी पॉव न अपना रखना

वक्त अच्छा हो तो बन जाते हैं साथी लेकिन
वक़्त मुश्किल हो तो बस ख़ुद पे भरोसा रखना

लगता है ये संसार बस संसार है || hindi life shayari

कभी लगता है इस जिन्दगी में खुशियां बेशुमार है,
तो कभी लगने लगता है जिन्दगी ही बेकार है।
कभी लगता है लोगो में बहुत प्यार है,
तो कभी लगता है रिश्तों में सिर्फ दरार है ।
कभी लगता है हम भी जिन्दगी जीने के लिए बेकरार है ,
तो कभी कभी लगता है सिर्फ हमे मौत का इंतजार है ।
कभी लगता है हमको भी उनसे प्यार है,
तो कभी लगता है सिर्फ प्यार का बुखार है।
कभी लगता है शायद उनको भी हमसे इजहार है,
फिर लगता है हम दोनों में तो सिर्फ तकरार है ।
कभी लगता है सब अपने ही यार है,
फिर लगता है इनमें भी छिपे गद्दार है ।
कभी लगता है कितना प्यारा संसार है ,
तो कभी लगता है ये संसार बस संसार है ।