Shayari | Latest Shayari on Hindi, Punjabi and English
Gareebi bhi dekhi hai ameeri bhi || hindi kavita
गरीबी भी देखी है अमीरी भी देखी है,
फटे थे कपड़े जब वो फकीरी भी देखी है...
हाथों में रोटी थी कटोरे में सिक्के थे,
अनजान चेहरों की बहुत हाज़िरी भी देखी है,
उम्दा सियासत में गुनहगारों की वजीरी भी देखी है...
इंसानियत दम तोड रही थी बंजर दरिया में
वो ढलती शाम मैने आखिरी देखी है...
Teri qurbat || Shayari from heart in hindi
Jaane kaise wo pal itne ruhaaniyat bangaye
woh lamhe toh teri qurbat ke sabab bangaye
sambhalna mushkil sa raha tere jaane ke baad ,
hum toh mariz the teri mohabbat ke ab toh deewaane bangaye.
जाने कैसे वो पल इतने रुहानियत बनगए
वोह लम्हे तोह तेरी क़ुरबत के सबब बनगए
संभालना मुश्किल सा रहा तेरे जाने के बाद ,
हम तो मरीज़ थे तेरी मोहब्बत के अब तोह दीवाने बनगए.
-Ahiban