Skip to content

Shayari | Latest Shayari on Hindi, Punjabi and English

Woh jaado garni hai || hindi kavita

❣❣❣❣❣❣❣❣

जादूगरनी…

वो लड़की जादूगरनी है।

कभी शोला, कभी शबनम जैसी,

कभी दूज, कभी पूनम जैसी,

कभी गुस्सा, कभी सरगम जैसी,

कभी चोंट, कभी मरहम जैसी,

कभी शीशम, कभी रेशम जैसी,

कभी गैर, कभी हम-दम जैसी,

कभी वो सम, कभी विषम जैसी,

रोज़ बदलते मौसम जैसी,

रंग-बिरंगी मौरनी है,

वो लड़की जादूगरनी है।

कभी वो मक्खन, कभी मलाई,

कभी वो मिर्ची, कभी मिठाई,

कभी नगाड़ा, कभी शहनाई,

कभी अलसाई, कभी अँगडाई,

कभी वो झूठी, कभी सच्चाई,

कभी बुराई, कभी भलाई,

कभी कहानी, कभी कविताई,

उसने मेरी नींद चुराई,

इस दिल की एक चोरनी है,

वो लड़की जादूगरनी है।

चंचल चितवन मादक नूरी,

खिली-खिली सी वो पांखुरी,

नख से शिख तक लगे अँगुरी,

नैन मिलें तो चल गई छुरी,

वो मेरे जीवन की धुरी,

धड़कन उसके बिना अधूरी,

सही न जाएं उससे दूरी,

जिसकी नाभि में कस्तुरी,

प्रेम वन की एक हिरनी है,

वो लड़की जादूगरनी है।

❣❣❣❣❣❣❣❣

Lo aajh mehfil sajji

लो आज महफिल सजी हैं हमारे लिए

सुनने को मुझे तैयार हर कोई है

पर दिल ने इजाजत नहीं दी है अभी

मेरी गजलो का हकदार और कोई है

Khoon tapkne lagaa aankho || dard hindi

खून टपकने लगा आंखो से

आंसुओ को सूखे जमाना हुआ

तुम्हारी तस्वीर ही बची थी पास मेरे

तम्हारा कैसे आना हुआ

क्यू हाल पूंछ मेरे जख्मों को कुरेद रहे हो तुम

मेरे जिस्मों में अब दर्द का ठिकाना हुआ

सलमान….दर्द ही लिखोगे क्या ता_उम्र

उससे पूछो तो इस दर पर क्यू  आना हुआ

कलम….तू तो जनता है न मेरे हालात ….

तू बता कैसे हमारा गुजारा हुआ

Ek ishq ka dard || hindi dard bhari shayari

हकीक़त बता रहा हु, ये सपना समझ रहे हैं

और हर एक आशिक़ का दर्द, एक जैसा है

मैं अपना सुना रहा हूं,ये अपना समझ रहें है

Haa naa poosho hamaara

हाल न पूछो हमारा..

बस मेरे लिखे खत को महसूस करो

दर्द भी तड़पती है कागज़ पर

मुझे कोई इस आग से महफूज करो

Iraade umeedo ke sakhat lagte ho || hindi shayari

इरादे उम्मीदों के,सख़्त लगते हो

तुम मुझे मेरा,बुरा वक्त लगते हो

होठों पर नज़र,नहीं जाती है क्या

माथा चूम कर,क्यू गले लगते हो

यार लहज़ा ऐसा, क्यूं है तुम्हारा

देखने में,इंसान तो भले लगते हो

तुम्हे क्या पता,दिल कहतें हैं इसे

तुम जो खिलोने, बेचने लगते हो

सच्चा इश्क़ ही तो, मांगा है मैंने 

हर बार ये क्या, सोचने लगते हो

उदास हो कर कहते हैं,अलविदा

जब तुम ये,घड़ी देखने लगते हो

के कुछ पहेलियां भी,समझा करो

तुम मतलब,क्यों पूछने लगते हो

कोई ख्याल बचा कर,रखो भैरव

तुम तो बस,कलम ढूढने लगते हो

गिरा तो फ़िर कभी,उठा ना मिला

गिरा तो फ़िर कभी,उठा ना मिला

बंदों का हुज़ूम था,खुदा ना मिला

ज़िस्म ना मिले,तो क्या हुआ यार

वो दिल से कभी, जुदा ना मिला

परिंदों के जैसा था, इश्क़ उसका

कोई वादा, कोई वास्ता ना मिला

ऐसे हुआ दिल पर,कब्ज़ा उसका

धड़कनों को भी, रास्ता ना मिला

उसके शाहपरस्त भी हैं,बादशाह

कोई भी पत्थर,तरास्ता ना मिला