When ever you hear someone reading lines which I wrote once, I hope it reminds you of me.
When ever you hear someone reading lines which I wrote once, I hope it reminds you of me.
सुख-दुख के अफसाने का
ये राज है सदा मुस्कुराने का
ये पल दो पल की रिश्तेदारी नहीं
ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का
जिन्दगी में आकर कभी ना वापस जाने का
ना जानें क्यों एक अजीब सी डोर में बन्ध जाने का
इसमें होती नहीं हैं शर्तें
ये तो नाम है खुद एक शर्त में बन्ध जाने का
ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का
दोस्ती दर्द नहीं रोने रुलाने का
ये तो अरमान है एक खुशी के आशियाने का
इसे काँटा ना समझना कोई
ये तो फूल है जिन्दगी की राहों को महकाने का
ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का
दोस्ती नाम है दोस्तों में खुशियाँ बिखेर जाने का
आँखों के आँसूओं को नूर में बदल जाने का
ये तो अपनी ही तकदीर में लिखी होती है
धीरे-धीरे खुद अफसाना बन जाती है जमाने का
ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का
दोस्ती नाम है कुछ खोकर भी सब कुछ पाने का
खुद रोकर भी अपने दोस्त को हँसाने का
इसमें प्यार भी है और तकरार भी
दोस्ती तो नाम है उस तकरार में भी अपने यार को मनाने का
ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का