Majboor || Punjabi sad shayari || sad but true was last modified: November 26th, 2020 by Roop
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बिछड़ के मुझसे, इन गलियों में कितनी दूर जाओगे...
परवानों की बस्ती है, जहां जाओगे मुझे हर जगह पाओगे...
गुज़रा पल, मीठी बातें और वो हसीन शामें सब बुलाते हैं तुम्हे...
इक झूठ ही सही बस कहदो के तुम कल आओगे,
इंतज़ार करना पसंद नहीं पर, मेरी नज़रें राहों पर टिकी हैं...
पता है मुझे रास्ता बदल गया तुम्हारा लेकिन, दिलासा दिए बैठा हूं के तुम कल आओगे...
Agar meri Dastras mein wafa hoti to
Apne kuch yaaron ko kuch wafa ada karta
Unke zarf mein sajishein bhut hain😈
अगर मेरी दस्तरस में वफ़ा होती तोह
अपने कुछ यारों को कुछ वफ़ा अदा करता
उनके ज़र्फ़ में साजिशें बहुत है 😈 ………….