Garmi ka mausam…
Aur tera kehar uspar…
Mar na jaye kahin hm tere bankar…😍
गर्मी का मौसम…
और तेरा कहर उसपर…
मर न जाएं कहीं हम तेरे बनकर…😍
Garmi ka mausam…
Aur tera kehar uspar…
Mar na jaye kahin hm tere bankar…😍
गर्मी का मौसम…
और तेरा कहर उसपर…
मर न जाएं कहीं हम तेरे बनकर…😍
मान लिखूँ सम्मान लिखूँ मैं।
आशय और बखान लिखूं मैं।
जिस नारी पर दुनिया आश्रित,
उसका ही बलिदान लिखूँ मैं।।
जीवन ऐसी बहती धारा,
जिसका प्यासा स्वयं किनारा,
पत्थर पत्थर अश्क उकेरे,
अधरों पर मुस्कान लिखूँ मैं।
मान——
कोमल है कमज़ोर नहीं है,
नारी है यह डोर नहीं है,
मनमर्ज़ी इसके संग करले
इतना कब आसान लिखूँ मैं
मान—-
बेटा हो या बेटी प्यारी,
जन्म सभी को देती नारी,
इसका अन्तस् पुलकित कोमल
इसके भी अरमान लिखूँ मैं
मान—-
हिम्मत से तक़दीर बदल दे,
मुस्कानों में पीर बदल दे,
प्रेम आस विश्वास की मूरत,
शब्द शब्द गुणगान लिखूँ मैं
मान——
Ke Gairaa naal hasda a sajjna
Kde saade naal vi dukh sukh frol tu
Ke kuj Sade dil di sun sajjna
Te kuj apne muho bol tu…
ਕੇ ਗੈਰਾ ਨਾਲ ਹੱਸਦਾ ਏ ਸੱਜਣਾ
ਕਦੇ ਸਾਡੇ ਨਾਲ ਵੀ ਦੁੱਖ ਸੁੱਖ ਫਰੋਲ ਤੂੰ
ਕੇ ਕੁੱਝ ਸਾਡੇ ਦਿਲ ਦੀ ਸੁਣ ਸੱਜਣਾ
ਤੇ ਕੁੱਝ ਅਪਣੇ ਮੂੰਹੋਂ ਬੋਲ ਤੂੰ..