Begaane judhde gaye
apne chhadde gaye
do chaar naal khadhe
baaki matlab kadhde gaye
ਬੇਗਾਨੇ ਜੁੜਦੇ ਗਏ
ਆਪਣੇ ਛੱਡਦੇ ਗਏ,
ਦੋ ਚਾਰ ਨਾਲ ਖੜੇ
ਬਾਕੀ ਮਤਲਬ ਕੱਢਦੇ ਗਏ….
Begaane judhde gaye
apne chhadde gaye
do chaar naal khadhe
baaki matlab kadhde gaye
ਬੇਗਾਨੇ ਜੁੜਦੇ ਗਏ
ਆਪਣੇ ਛੱਡਦੇ ਗਏ,
ਦੋ ਚਾਰ ਨਾਲ ਖੜੇ
ਬਾਕੀ ਮਤਲਬ ਕੱਢਦੇ ਗਏ….
इस जीवन से जुड़ा एक सवाल है हमारा~
क्या हमें फिर से कभी मिलेगा ये दोबारा?
समंदर में तैरती कश्ती को मिल जाता है किनारा~
क्या हम भी पा सकेंगे अपनी लक्ष्य का किनारा?
जिस तरह पत्तों का शाखा है जीवन भर का सहारा~
क्या उसी तरह मेरा भी होगा इस जहां में कोई प्यारा?
हम एक छोटी सी उदासी से पा लेते हैं डर का अंधियारा~
गरीब कैसे सैकड़ों गालियां खा कर भी कर लेतें है गुजारा ?
जिस तरह आसमान मे रह जाते सूरज और चांद-तारा ~
क्या उस तरह रह पाएगा हमारी दोस्ती का सहारा ?
जैसे हमेशा चलती रहती है नदियों का धारा~
क्या हम भी चल सकेंगे अपनी राह की धारा ?