Main Apni Raah Alag Khud Banake Chalta hoon
Wo Aur Honge Jo Naqshe Qadam Pe Chalte Hain.
Rekhta Pataulvi
Main Apni Raah Alag Khud Banake Chalta hoon
Wo Aur Honge Jo Naqshe Qadam Pe Chalte Hain.
Rekhta Pataulvi
वफ़ा के शीश महल में सजा लिया मैनें ,
वो एक दिल जिसे पत्थर बना लिया मैनें,
ये सोच कर कि न हो ताक में ख़ुशी कोई ,
ग़मों कि ओट में ख़ुद को छुपा लिया मैनें,
कभी न ख़त्म किया मैं ने रोशनी का मुहाज़ ,
अगर चिराग़ बुझा, दिल जला लिया मैनें,
कमाल ये है कि जो दुश्मन पे चलाना था ,
वो तीर अपने कलेजे पे खा लिया मैनें |
Tohr di lodh nahi saanu
saadgi bahut jachdi aa
saanu kehn di lodh nahi paindi
duniyaa vaise hi badha machdi aa
ਟੋਰ ਦੀ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਸਾਨੂੰ
ਸਾਦਗੀ ਬਹੁਤ ਜੱਚਦੀ ਆ
ਸਾਨੂੰ ਕਹਿਣ ਦੀ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਪੈਦੀ
ਦੁਨੀਆਂ ਵੈਸੇ ਹੀ ਬੜਾ ਮੱਚਦੀ ਆ