Enjoy Every Movement of life!
कभी तेजी रखू, सफर में कभी मैं, ढलने लगता हूं..
कभी ठहर जाऊ, एक जगह कभी बस, चलने लगता हूं..
मंजिल का अता और पता नहीं, फासला सफर का जरा बढ़ गया..
सोच कर कमाई बस, सफर की हथेलियों को, मालने लगता हूं..
कोई तोह बेवफाओं पे भी tax लगा दो यारों,
हम आशिको का भी थोड़ा मुनाफा बढा दो यारों
किसी की तो चार चार हैं और किसी की एक भी नहीं
इश्क को भी अब आधार कार्ड से लिंक करा दो य़ारो।