Tujhe hak hai apni duniyaa me khushh rehne ka
mera kya..
Meri toh duniyaa hi tu hai
तुझे हक़ है अपनी दुनिया में खुश रहने का..
मेरा क्या..
मेरी तो दुनिया ही तू है..
Tujhe hak hai apni duniyaa me khushh rehne ka
mera kya..
Meri toh duniyaa hi tu hai
तुझे हक़ है अपनी दुनिया में खुश रहने का..
मेरा क्या..
मेरी तो दुनिया ही तू है..
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….
उठता है तूफान सीने में जब
जहन में सवाल इक आता है
जब जाना ही है दूर तो
क्यों करीब कोई आता है
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….
जिसे देखना भी नही मुनासिब
आंखे बंद कर करीब उसी को पता है
ढूंढ ले खामियां उसकी हजार पर
दिल तो आज भी बेहतर उसी को बताता है
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….
सपने देखता है नई दुनिया बसाने के तू
नींद तेरी आज भी वही चुराता है
बेख्याल होने का करले तमसील भले
मिलने का ख्याल तो आज भी सताता है
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….