
Pala vich hoyi teri meri zindgani..!!
इरादे उम्मीदों के,सख़्त लगते हो
तुम मुझे मेरा,बुरा वक्त लगते हो
होठों पर नज़र,नहीं जाती है क्या
माथा चूम कर,क्यू गले लगते हो
यार लहज़ा ऐसा, क्यूं है तुम्हारा
देखने में,इंसान तो भले लगते हो
तुम्हे क्या पता,दिल कहतें हैं इसे
तुम जो खिलोने, बेचने लगते हो
सच्चा इश्क़ ही तो, मांगा है मैंने
हर बार ये क्या, सोचने लगते हो
उदास हो कर कहते हैं,अलविदा
जब तुम ये,घड़ी देखने लगते हो
के कुछ पहेलियां भी,समझा करो
तुम मतलब,क्यों पूछने लगते हो
कोई ख्याल बचा कर,रखो भैरव
तुम तो बस,कलम ढूढने लगते हो
Bhut kuj kareya e tere layi🙂
Hun bas jiona e mein mere layi🙏..!!
ਬਹੁਤ ਕੁਝ ਕਰਿਆ ਏ ਤੇਰੇ ਲਈ🙂
ਹੁਣ ਬਸ ਜਿਉਣਾ ਏ ਮੈਂ ਮੇਰੇ ਲਈ🙏..!!