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Middle class childern

  • Poetry
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  • मै मिडिल क्लास फैमिली से हूं………….मैं घर में सबसे छोटा हूं सबकी छोटी हुए कपड़ो से लेकर किताबे भी बड़े भाई बहन की ही आती है मैं छोटा हूं ना सारी चीजे सेकंड हैंड की आदत है। हमारे घर में कमाने वाले सिर्फ थे तनख्वाह से पहले से उस तनख्वाह का हिसाब लग जाता है किसके हिस्से क्या आएगा ये भी पता होता है।

दिवाली पर पापा को बोनस मिलता था तनख्वाह थोड़ी ज्यादा आती थी सबको मालूम था दिवाली पर भी नए कपड़े लेने के लिए पैसे गिनकर मिलते थे कोई अगर बीमार हो जाए तो वो नए कपड़े भी कैंसल हो जाते थे। बचपन से ही एडजस्ट करने की आदत लग जाती है ये आदत अच्छी हो होती है पर कभी कभी बुरी भी होती है। धीरे धीरे बड़े हुए तो पता था मम्मी पापा को कुछ बनकर दिखाना है ये ख्वाब साथ लेकर चला पर बाहर निकले घर से तो ये पता चला कि जो मेरा ख्वाब है वही सबका भी ख्वाब था सबको अपनी जिंदगी में मेरी तरह ही कुछ करना था। जैसे तैसे एक नौकरी लगी वो भी मेरी पसंद की नही थी पर पापा का हाथ बंटाने के लिए भी तो कुछ करना था अपने दिल को समझकर वो नौकरी कर ली मुझे नौकरी लगी ये सुनकर मम्मी पापा दोनो खुश हो जाए पापा की आखों से तो आंसू ही आ गए आंखो से निकलते आंसू भी उस दिन मुझसे बात कर रहे थे मानो वो ये कह रहे थे की अब मेरे कंधो का थोड़ा बोझ कम हुआ मेरे साथ कोई कमाने वाला आ गया। उस दिन से मैंने वो नौकरी ज्वाइन कर ली और उसकी भी आदत सी पड़ गई।

Title: Middle class childern

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Love shayari || Hindi shayari on love || love you shayari

मैं बन जाऊं रेत सनम,,
तुम लहर बन जाना…
भरना मुझे अपनी बाहों में
अपने संग ले जाना..!!

अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जैसे कोई खूबसूरत जगह हो हसीन शाम के साथ।

ये लकीरें ये नसीब ये किस्मत,
सब फ़रेब के आईने हैं,
हाथों में तेरा हाथ होने से ही,
मुकम्मल ज़िन्दगी के मायने हैं।

मुसाफर इश्क़ का हूं मैं
मेरी मंज़िल मुहब्बत है,
तेरे दिल में ठहर जाऊं
अगर तेरी इजाज़त है।

Title: Love shayari || Hindi shayari on love || love you shayari


Gulab kya bheju || hindi shayari dosti

Soch raha tha k jawab kya bheju,
aap jaise dost ko toofa kya bheju,
guldasta bhejna to bewakufi hogi,
kyu k jo khud gulab hai use gulab kya bheju…?

Title: Gulab kya bheju || hindi shayari dosti