Jinhe pahuchana tha paigam aman ka is jaha me
Wo hindu aur muslim ke maslo me uljhe hue hai
जिन्हें पहुंचाना था पैगाम अमन का इस जहान में
वो हिन्दू और मुस्लिन के मसलों में उलझे हुए हैं
Jinhe pahuchana tha paigam aman ka is jaha me
Wo hindu aur muslim ke maslo me uljhe hue hai
जिन्हें पहुंचाना था पैगाम अमन का इस जहान में
वो हिन्दू और मुस्लिन के मसलों में उलझे हुए हैं
Asi tadhfe badhe haa tere lai
ਅਸੀ ਤੜਫੇ ਬੜਾ ਹਾਂ ਤੇਰੇ ਲਈ
ਮੈਨੂੰ ਐਨਾ ਨਾ ਤੜਫਾ ਸੱਜਣਾ
ਕੀ ਪਤਾ ਜਿੰਦਗੀ ਕਿਸ ਮੋੜ ਤੇ ਮੁੱਕਜੇ
ਲਈਏ ਪਿਆਰ ਤੇਰੇ ਚ ਬਿਤਾ ਸੱਜਣਾ
ਰੱਬ ਦੇ ਨਾਂ ਵਾਂਗੂ ਮੇਰਾ ਪਿਆਰ ਏ ਸੱਚਾ
ਦਿਲ ਚੀਰ ਕੇ ਦੇਵਾਂ ਵਿਖਾ ਸੱਜਣਾ
ਭਾਈ ਰੂਪੇ ਵਾਲਿਆ ਕਰ ਕਦਰ ਪਿਆਰ ਦੀ
ਜੇ ਕੋਈ ਕਰਦਾ ਹੋਵੇ ਸੱਚਾ ਪਿਆਰ ਪ੍ਰੀਤ ਜਿੰਦ ਲੇਖੇ ਦੇਈਏ ਲਾ ਸੱਜਣਾ
ये एक बात समझने में रात हो गई है
मैं उस से जीत गया हूँ कि मात हो गई है
मैं अब के साल परिंदों का दिन मनाऊँगा
मिरी क़रीब के जंगल से बात हो गई है
बिछड़ के तुझ से न ख़ुश रह सकूँगा सोचा था
तिरी जुदाई ही वज्ह-ए-नशात हो गई है
बदन में एक तरफ़ दिन तुलूअ’ मैं ने किया
बदन के दूसरे हिस्से में रात हो गई है
मैं जंगलों की तरफ़ चल पड़ा हूँ छोड़ के घर
ये क्या कि घर की उदासी भी साथ हो गई है
रहेगा याद मदीने से वापसी का सफ़र
मैं नज़्म लिखने लगा था कि ना’त हो गई है