sir ute chunni leti fabdi c
sach aaka saadgi vich badhi sohni lagdi c
ਸਿਰ ਉੱਤੇ ਚੁੰਨੀ ਲਿੱਤੀ ਫੱਬਦੀ ਸੀ,
ਸੱਚ ਆਖਾ ਸਾਦਗੀ ਵਿੱਚ ਬੜੀ ਸੋਹਣੀ ਲੱਗਦੀ ਸੀ…
sir ute chunni leti fabdi c
sach aaka saadgi vich badhi sohni lagdi c
ਸਿਰ ਉੱਤੇ ਚੁੰਨੀ ਲਿੱਤੀ ਫੱਬਦੀ ਸੀ,
ਸੱਚ ਆਖਾ ਸਾਦਗੀ ਵਿੱਚ ਬੜੀ ਸੋਹਣੀ ਲੱਗਦੀ ਸੀ…
ham apana dard kisee ko kahate nahee,
vo sochate hain kee ham tanhaee sahate nahee,
aankhon se aansoo nikale bhee to kaise,
kyoki sookhe huve dariya kabhee bahate nahee…
हम अपना दर्द 😟 किसी को कहते नही,
वो सोचते हैं की हम तन्हाई सहते नही,
आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे,
क्योकि सूखे हुवे दरिया कभी बहते नही…
जीवन में वह था एक कुसुम,
थे उस पर नित्य निछावर तुम,
वह सूख गया तो सूख गया;
मधुवन की छाती को देखो,
सूखीं कितनी इसकी कलियाँ,
मुरझाईं कितनी वल्लरियाँ जो
मुरझाईं फिर कहाँ खिलीं;
पर बोलो सूखे फूलों पर
कब मधुवन शोर मचाता है;
जो बीत गई सो बात गई!
जीवन में मधु का प्याला था,
तुमने तन-मन दे डाला था,
वह टूट गया तो टूट गया;
मदिरालय का आँगन देखो,
कितने प्याले हिल जाते हैं,
गिर मिट्टी में मिल जाते हैं,
जो गिरते हैं कब उठते हैं;
पर बोलो टूटे प्यालों पर
कब मदिरालय पछताता है!
जो बीत गई सो बात गई!
मृदु मिट्टी के हैं बने हुए,
मधुघट फूटा ही करते हैं,
लघु जीवन लेकर आए हैं,
प्याले टूटा ही करते हैं,
फिर भी मदिरालय के अंदर
मधु के घट हैं, मधुप्याले हैं,
जो मादकता के मारे हैं
वे मधु लूटा ही करते हैं;
वह कच्चा पीने वाला है
जिसकी ममता घट-प्यालों पर,
जो सच्चे मधु से जला हुआ
कब रोता है, चिल्लाता है!
जो बीत गई सो बात गई!