सर झुकाने की आदत नहीं आंसू बहाने की आदत नहीं,
हम बिछड़ गए तो रोओगे,
क्योंकि हमारी लौट के आने की आदत नहीं.🙏👍
सर झुकाने की आदत नहीं आंसू बहाने की आदत नहीं,
हम बिछड़ गए तो रोओगे,
क्योंकि हमारी लौट के आने की आदत नहीं.🙏👍
अब कोई भी शायरी तुझे तड़पाती होगी !
सच बता मेरी याद तो आती होगी ?
मौसम की हर बहारों से मांगा था !
मैंने तुझको टूटते तारों से मांगा था |
जुदा होके तू शायद ही जी पाती होगी !
सच बता मेरी याद तो आती होगी ?
ख़ैर अब मैं भी तुझे भूल रहा हूं !
गलतियां सारी कबूल रहा हूं |
मेरी तस्वीरें तुझे बड़ा सताती होगी !
सच बता मेरी याद तो आती होगी ?
कभी तो मेरी रूह को, कहीं ना कहीं जाकर सुकून मिलेगा..
फिर से जिंदगी को खुशियों से जीलूँ, ऐसा कोई जुनून मिलेगा..
ना जाने उस वक्त के इंतजार में कितने और लम्हे बिताने हैं..
चाह मैं जिसकी हाथों में लगा, मेरे अरमानों का खून मिलेगा..