वो खुद भूखा रहकर तुम्हारा पेट सींच रहा है,
देखो आज,
चेहरे पर मुस्कान लिए भीगी पलकें मीच रहा है,
दो वक्त की रोटी, रोटी देने वालों को नसीब नहीं,
वो कौनसा तुम्हारी भारी जेबों से नोट खीच रहा है....
थोड़ी खुशियां उनकी झोली में भी नसीब हो,
आज दूर है कल वापस मिट्टी के करीब हो,
इक सैलाब ने खूब कोहराम मचाया,
ऐसा ना हो के दूसरा भी करीब हो...
Eh kalam meri bahuta mangdi na pyaar ve
likj ke akhar bewafai de
mainu samjhaun di ki
gaba nu kari na kade pyaar ve
ਐਹ ਕਲਮ ਮੇਰੀ
ਬਹੋਤਾ ਮੰਗਦੀ ਨਾ ਪਯਾਰ ਵੇ
ਲਿਖ ਕੇ ਅਖਰ ਬੇਵਫ਼ਾਈ ਦੇ
ਮੈਨੂੰ ਸਮਝਾਉਣ ਦੀ ਕੀ
ਗਾਬਾ ਤੂੰ ਕਰੀਂ ਨਾ ਕਦੇ ਪਯਾਰ ਵੇ
— ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷