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AJAY Mahayach

use jaate hue maine roka bahut tha

उसे जाते हुये मैंने रोका बहोत था 

ये दिल अपनी सफाई मे चीखा बहोत था ,

जिस शफ मे खड़े थे हम अपनी सच्चाई लेके 

उसमे झूठ बिका बहोत था । 

मैं थक गया  था अपनी सफाई देके 

पर रकीब का फसाना भरी बहोत था । 

                     ……….अजय महायच .

खवाबों का एक दरिया || sad but true || hindi shayari

खवाबों का एक दरिया लिए फिर रहा हु
पूरे होंगे एक दिन सब , इसी का इंतज़ार कर रहा हु ,
दिल उदास, चहरे पर हसी बरकरार है
जी हाँ , मैं अंदर ही अंदर मर रहा हूँ ।
देख दुनियाँ की तमाम शजीशे
यकीनन जो कर रहा हु ,सही कर रहा हूँ ।💯

Khawahisho ka ye daur

खवाहिशों का ये दौर भी थम जयेगा

था  यकीन , जो मेरा है वो मिल जाएगा ,

उम्र भर से सिकुड़ा था जो तमन्नाओ का फूल

क्या मालूम था तुझे  देख वो खिल जाएगा ।

है उम्मीद तू साथ चलेगा जो मेरे उम्र भर

टूटे खवाबों का ये मेरा टाकिया सील जाएगा ।

सबर करुगा तेरे मेरे मुकम्मल होने का

यू ही एक दिन मेरा जीवन तुझमे ढल जाएगा ।

Khatam kar chika || hindi poetry sad

खत्म कर चुका खुद को अंदर से

बस  बाहर से जालना बाकी है

भीड़ लगी है मजार पर गैरो की ,

बस अपनों का आना बाकी है

जीते जी सबको हसाया बहोत है ,

बस जाते – जाते सबको रुलाया बाकी है ।

याद करके  उसे ,रोये  बहोत है

जाते जाते उसे रुलाना बाकी है

खवाब देखे थे साथ के उसके कुछ

जाते हुये उन्हे दफनाना बाकी है ।

यू ना रुखसत करो विरानियत से

अभी मेरी अर्थी को सजाना बाकी है ,

यू तो गुजरा हु बहोत बार अंधेरों से

बीएस आखिरी दफा दिल्ल को जलाना बाकी है ।

Beasar sabh dua shayari

बेअसर हो रही सब दुआए मेरी 

जिंदगी जाने क्या सिलसिला दिखा रही है ,

जिसके लिए मांगी खुदा से खुशिया 

वो ही धीरे-धीरे दिल को जला रही है।

इंतज़ार किया घंटो उसका 

क्या मालूम था वो किसी ओर से मिलके आ रही है ,

मिलने के बहाने ढूंढती थी जो बार बार 

यार वो लड्की आँख मिलने से घबरा रहि रही  है । 

 

Andar hi andar mar reha hu || sad shayari

खवाबों का एक दरिया लिए फिर रहा हु

पूरे होंगे एक डिब सब , एसी का इंतज़ार कर रहा हु ,

दिल्ल उदास चहरे पर हसी बरकरार है

जी हाँ , मैं अंदर ही अंदर मर रहा हूँ ।

देख दुनियाँ की तमाम शजीशे

यकीनन जो कर रहा हु सही कर रहा हूँ ।

Sabar ki yeh zindagi

सबर की ये जिंदगी जाने  केबी मुक्क्मल फल दिलाएगी

खाक हुये खवाबों पर कब नई कली आएगी  ,

मसरूफ़ रहे हम सदा किताबों मे

क्या पता था जिंदगी का अशली सबक तो ठोकर शिखएगी ।

जो नोका जा रही ह दरीया के साथ

वो क्या ही वापिस किनारा दिखाएगी

अगर यू ही चलती रही खोवाबों की हकीकत से जंग

तो यकीनन जल्दी ही इंतकाल की खबर आएगी ।

Chakna choor huaa me || heart broken shayari hindi

चकना-चूर हुआ मैं ,तूने ही तो आके समेटा था मुझे 

सबके बीच डूब रहा था सिर्फ तूने ही तो देखा था मुझसे ,

यादों मे बसर होके जब खुद को मर रहा था 

एक तू ही तो थी जिसने रोका था मुझे । 

AJAY Mahayach