AJAY Mahayach
Khawahisho ka ye daur
खवाहिशों का ये दौर भी थम जयेगा
था यकीन , जो मेरा है वो मिल जाएगा ,
उम्र भर से सिकुड़ा था जो तमन्नाओ का फूल
क्या मालूम था तुझे देख वो खिल जाएगा ।
है उम्मीद तू साथ चलेगा जो मेरे उम्र भर
टूटे खवाबों का ये मेरा टाकिया सील जाएगा ।
सबर करुगा तेरे मेरे मुकम्मल होने का
यू ही एक दिन मेरा जीवन तुझमे ढल जाएगा ।
Khatam kar chika || hindi poetry sad
खत्म कर चुका खुद को अंदर से
बस बाहर से जालना बाकी है
भीड़ लगी है मजार पर गैरो की ,
बस अपनों का आना बाकी है
जीते जी सबको हसाया बहोत है ,
बस जाते – जाते सबको रुलाया बाकी है ।
याद करके उसे ,रोये बहोत है
जाते जाते उसे रुलाना बाकी है
खवाब देखे थे साथ के उसके कुछ
जाते हुये उन्हे दफनाना बाकी है ।
यू ना रुखसत करो विरानियत से
अभी मेरी अर्थी को सजाना बाकी है ,
यू तो गुजरा हु बहोत बार अंधेरों से
बीएस आखिरी दफा दिल्ल को जलाना बाकी है ।
Beasar sabh dua shayari
बेअसर हो रही सब दुआए मेरी
जिंदगी जाने क्या सिलसिला दिखा रही है ,
जिसके लिए मांगी खुदा से खुशिया
वो ही धीरे-धीरे दिल को जला रही है।
इंतज़ार किया घंटो उसका
क्या मालूम था वो किसी ओर से मिलके आ रही है ,
मिलने के बहाने ढूंढती थी जो बार बार
यार वो लड्की आँख मिलने से घबरा रहि रही है ।
Sabar ki yeh zindagi
सबर की ये जिंदगी जाने केबी मुक्क्मल फल दिलाएगी
खाक हुये खवाबों पर कब नई कली आएगी ,
मसरूफ़ रहे हम सदा किताबों मे
क्या पता था जिंदगी का अशली सबक तो ठोकर शिखएगी ।
जो नोका जा रही ह दरीया के साथ
वो क्या ही वापिस किनारा दिखाएगी
अगर यू ही चलती रही खोवाबों की हकीकत से जंग
तो यकीनन जल्दी ही इंतकाल की खबर आएगी ।