चांद को भी है गुरूर लौटकर उसका शान आया है
सज चुका है चांद के सिर पर ताज क्योकि उसकी खातिर पूरा हिंदुस्तान आया है
कैसे करे बया दिल की हालत को
हमे भी चांद पर बहुत प्यार आया है
चांद को भी है गुरूर लौटकर उसका शान आया है
सज चुका है चांद के सिर पर ताज क्योकि उसकी खातिर पूरा हिंदुस्तान आया है
कैसे करे बया दिल की हालत को
हमे भी चांद पर बहुत प्यार आया है
kal raat mainne apane saare gam kamre ki deevaaron pe likh daale,
bas ham sote rahe aur deevaaren roti raheen…..
कल रात मैंने अपने सारे ग़म कमरे की दीवारों पे लिख डाले,
बस हम सोते रहे और दीवारें रोती रहीं…..
na hansate khud-ba-khud to…kab ke mar jaate,
zindagee toone to kabhee, muskuraane kee vazah nahin dee..
ना हँसते ख़ुद-ब-ख़ुद तो…कब के मर जाते,
ज़िन्दगी तूने तो कभी, मुस्कुराने की वज़ह नहीं दी..