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Poetry

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Dost woh hai jo || friend shayari hindi

दोस्त वो है जो थाम के रखता है हाथ
परवाह नहीं उसको कौन है तुम्हारे साथ

उसकी आखों में चमक दिखती है
जब होता है तुम्हारे साथ

गुजर जाता है वक़्त मिनटों में
जब करते हैं उससे बात

दोस्त वो हैं जो सामने आ जाये गर
खुद बयाँ हो जाते हैं दिल के हालत

कुछ सोचना नहीं पड़ता
जब होती है उससे बात

दोस्त वो है जो बिन कहे समझ लेता है हर बात
बस हम छिपा नहीं सकते उससे कोई भी राज

कर देता है हैरान तब और भी
जब मरहलों में बन जाता है ढाल
अपने सारे दर्द ग़म भुला कर
साथ हँसता है सारी रात

उसे कुछ भी नहीं चाहिए तुमसे बस
कुछ पल तुम्हारे साथ का है वह मोहताज़

दोस्त वो है जिससे दोस्ती निभानी नहीं पड़ती
जिसे कोई भी बात समझानी नहीं पड़ती

रूठ भी जाए तो भी नहीं करता नज़रन्दाज़
इसलिए ये रिश्ता होता है हर रिश्ते से ख़ास

कभी वो माँ की तरह समझाता है
तो कभी पिता की तरह डांटता है

कभी- कभी बहन बन कर सताता है
तो कभी भाई की तरह रुलाता है

कभी एक आफ़ताब बन होंसला बढ़ाता है
हमें ग़म और खुशियों से परे ले जाता है

जिसके पास है ऐसा दोस्त
वही मुकम्मल है इस जहाँ में
वही है हयात का सरताज

Kehte hai k dosti ka rishta || dost hindi shayari

कहते हैं कि दोस्ती का रिश्ता
बड़ा ही खूबसूरत होता है

अगर दोस्ती ही बेवफा हो जाये
तो यही रिश्ता सबसे बदसूरत होता है

दो दोस्त अगर बिछड़ जाये
तो ज़िन्दगी वीरान होती है

दोस्ती दो दिलों को जोड़ती है
वो बड़े से बड़े दुःख का असर तोड़ती है

दोस्तों हमेशा बांध कर रखना दोस्ती प्रेम की डोर से
क्योंकि दोस्ती के रिश्ते का कोई मोल नहीं होता है

अकेले में दोस्त ही काम आता है
ख़ुशी में भी दोस्ती के साथ हाथों में जाम आता है

दोस्त को कभी न खोना तुम
हमेशा दोस्त को दिल में बसाना तुम

Pyar ko mat samjho || dost shayari

प्यार को मत समझो पूरा
उसका पहला अक्षर ही है अधूरा
अगर करना है सच्चा प्यार
तो बन पहले एक दूसरे का यार।

दोस्ती हर बन्धन से मजबूत होती है
दोस्ती मन का सम्बन्ध होती है
जिसमें स्वेच्छा से त्याग की भावना होती है।
दुनिया में हर रिश्ते-नाते
समय के साथ बदलते हैं
मगर सच्ची दोस्ती उम्र भर चलती है।

सच्ची दोस्ती में हर एक रिश्ता मिल जाता है
मगर हर रिश्ते में दोस्ती नहीं मिलती।
दोस्ती दो के बीच समता और एकता
जो सुख दुख में भी निभाया जाता।

सच्ची दोस्ती में न दूरी
न नजदीकी है जरूरी
हर हाल में पक्की बनी रहती है
जो करते हैं
वे समझें मेरी बात
न मोहब्बत, न इजहार
पहले दोस्ती करो
फिर प्यार

             तरुण चौधरी

Kahi dekhi hai tumen use || सच्चा साथी

कहीं देखा हैं तुमने उसे
जो मुझे सताया करता था
जब भी उदास होती थी मैं
मुझे हँसाया करता था

एक प्यार भरा रिश्ता था वो मेरा
जो मुझे अब भी याद आता हैं
खो गया वक्त के भँवर में कहीं
जो हर पल मेरे साथ होता था

आज एक अजनबी की तरह हाथ मिलाता हैं
जो छोटी से छोटी बात मुझे बताया करता था
कहीं मिले वो किसी मोड़ पर
तो उसे मेरा संदेशा देना
कोई है जो आज भी उसका इंतजार कर रहा है
जिसे वो मेरा सच्चा साथी बोला करता था.

दोस्ती क्या है? HIndi lines on dosti

सुख-दुख के अफसाने का
ये राज है सदा मुस्कुराने का
ये पल दो पल की रिश्तेदारी नहीं
ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का
जिन्दगी में आकर कभी ना वापस जाने का
ना जानें क्यों एक अजीब सी डोर में बन्ध जाने का
इसमें होती नहीं हैं शर्तें
ये तो नाम है खुद एक शर्त में बन्ध जाने का

ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का
दोस्ती दर्द नहीं रोने रुलाने का
ये तो अरमान है एक खुशी के आशियाने का
इसे काँटा ना समझना कोई
ये तो फूल है जिन्दगी की राहों को महकाने का
ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का
दोस्ती नाम है दोस्तों में खुशियाँ बिखेर जाने का

आँखों के आँसूओं को नूर में बदल जाने का
ये तो अपनी ही तकदीर में लिखी होती है
धीरे-धीरे खुद अफसाना बन जाती है जमाने का

ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का
दोस्ती नाम है कुछ खोकर भी सब कुछ पाने का
खुद रोकर भी अपने दोस्त को हँसाने का
इसमें प्यार भी है और तकरार भी

दोस्ती तो नाम है उस तकरार में भी अपने यार को मनाने का
ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का

काश ज़िंदगी एक किताब होती

काश,जिंदगी सचमुच किताब होती

पढ़ सकता मैं कि आगे क्या होगा? 

क्या पाऊँगा मैं और क्या दिल खोयेगा?

कब थोड़ी खुशी मिलेगी, कब दिल रोयेगा? 

काश जिदंगी सचमुच किताब होती,

फाड़ सकता मैं उन लम्हों को

जिन्होने मुझे रुलाया है.. 

जोड़ता कुछ पन्ने जिनकी यादों ने मुझे हँसाया है… 

खोया और कितना पाया है?

हिसाब तो लगा पाता कितना

काश जिदंगी सचमुच किताब होती,

वक्त से आँखें चुराकर पीछे चला जाता.. 

टूटे सपनों को फिर से अरमानों से सजाता

कुछ पल के लिये मैं भी मुस्कुराता, 

काश, जिदंगी सचमुच किताब होती।

प्यार ,रिश्ता और जिंदगी || pyar hindi

प्यार और रिश्ता दो अलग शब्द हैं लेकिन अगर एक साथ ये दो शब्द किसी के जिंदगी में मिल जाये तो समझो उसकी जिंदगी ज़न्नत में कटेगी।मेरा मानना हैं कि प्यार एक एहसास है जो वक़्त के साथ साथ चलती है पर रिश्ता वक़्त के साथ बदल जाती है । आज के लोग रिश्ता को ही प्यार समझ बैठते हैं और जब ये बदलता है तो वो अकेला अहसहाय महसूस करने लगते हैं । इसका कारण एक ये भी है कि वो जिंदगी का गोल्डन पीरियड वो उस शख्श को दे बैठते है जिन्होंने कभी सच मे प्यार नही किया । वो तो सिर्फ और सिर्फ रिश्ता निभाने के फिराक में था । इसकी मुख्य वजह है आज के इंटरनेट वाली दुनिया । कहने को तो इंटरनेट लोगो के करीब लाने का जरिया हैं पर मेरे नजर में तो ये करीब लाकर भी दिल के बीच दूरियां बढ़ाने का साधन है। आप एक उदाहरण से ही समझिये । आज के सोशल साइट पर कई लोगो को हज़ारो फ्रेंड होंगे।पर जब बात दिल से लाइक करने को होती है तो गिने चुने लोग ही (मेरे नजर में न के बराबर लोग) तुमको सच में लाइक करते होँगे। ज्यादातर लोग तुम्हारे फ़ोटो पर लाइक और कमेंट ये चलते करते होंगे ताकि तुम उसके फोटो को लाइक करो । अगर साधारण भाषा मे कहे तो ये लोग प्यार किसी और से कर रहे हैं तो रिश्ता किसी और से निभा रहे हैं । ये बनाबटी दुनिया हैं दोस्त । यंहा रिश्ते दिल से नही दिमाग से किये जाते है। आज कल के लोग इतने तेज हो गए हैं कि एक ही समय पर फ़ोन पर बात आपसे करते होंगे तो व्हाट्सएप किसी और से। जितना फ़ास्ट इंटरनेट होते जा रहा है उससे ज्यादा फ़ास्ट आज के लोग और उनकी सोच। मेरे हिसाब से जिंदगी चलने का नाम है जिस दिन रुक गए समझिये उस दिन मर गए ।इसलिए बस यूं ही समझिये जो आया था उसका किरदार इतना ही तक था और जो आएगा उसका भी किरदार कुछ न कुछ लिखा ही होगा । इन सब पर ही मैंने एक कविता लिखी हैं।
जिसे मैं अपना समझा था,वो किसी और का निकला ।
रिश्ते की बाते मुझसे करता था पर प्यार किसी और का निकला।
कसमे वादे मुझसे करता था पर निभाते वक़्त कोई और निकला
रोने में तो बहुत आंसू बहाये, पर आंसू भी घड़ियाल का निकला।।
ये ढोंग की दुनिया है दोस्त, खुद से प्यार करना सीखो
अकेले आये थे अकेले जाओगे,जिंदगी में खुशहाल रहना सीखो। !

धन्यवाद
लेखक :- ललन राज

Kisaan ki zindagi || किसान की जिंदगी

तन पर खराब पुराने कपड़े होते हैं,
पैर मिट्टी में पूरी तरह सने होते हैं,
कड़ी सुलगती धूप में काम करते हैं जो,
ये कोई और नहीं सिर्फ किसान है वो,

धरती की छाती हल से चीर देते हैं,
हमारे लिए अन्न की फसल उगा देते हैं,
किसान अपनी फसल से बहुत प्यार करते हैं,
गरमी, सरदी, बरसात में जूझते रहते हैं,

मान लेते हैं की किसान बहुत गरीब होते हैं,
हमारी थाली में सजा हुआ खाना यही देते हैं,
इनके बिना हमें अनाज कभी मिल नहीं पाता,
दौलत कमा लेते पर कभी पेट न भर पाता,

भूमि को उपजाऊ बनाने वाले किसान है,
हमारे भारत का मान, सम्मान और शान हैं,
ये सच्ची बात सब अच्छे से जानते हैं,
किसान को हम अपना अन्नदाता मानते हैं,

हम ये बात क्यों नहीं कभी सोचते हैं,
गरीब किसान अपना सब हमें देते हैं,
हम तो पेट भर रोज खाना खा लेते हैं,
किसान तो ज्यादतर खाली पेट सोते हैं,

                 तरुण चौधरी