ik sohna chehra chand vaag naal rehnda si
paun lai usnu, sadaa hanere vich me rehnda si
ਇੱਕ ਸੋਹਣਾ ਚੇਹਰਾ ਚੰਦ ਵਾਗ ਨਾਲ ਰਹਿੰਦਾ ਸੀ,
ਪਾਉਣ ਲਈ ਉਸਨੂੰ ਸਦਾ ਹਨੇਰੇ ਵਿੱਚ ਮੈ ਰਹਿੰਦਾ ਸੀ।
..ਕੁਲਵਿੰਦਰਔਲਖ
ik sohna chehra chand vaag naal rehnda si
paun lai usnu, sadaa hanere vich me rehnda si
ਇੱਕ ਸੋਹਣਾ ਚੇਹਰਾ ਚੰਦ ਵਾਗ ਨਾਲ ਰਹਿੰਦਾ ਸੀ,
ਪਾਉਣ ਲਈ ਉਸਨੂੰ ਸਦਾ ਹਨੇਰੇ ਵਿੱਚ ਮੈ ਰਹਿੰਦਾ ਸੀ।
..ਕੁਲਵਿੰਦਰਔਲਖ
उसके चेहरे में कई राज छुपे हैं, घबराती है बताने से..
कभी बेखौफ करे इजहार कभी, डरे जज्बात जताने से..
कभी आँखों से हटने नहीं देती, कभी फ़र्क नी पड़ता जाने से..
कभी मारने पर हंस पडती है, कभी रोये हाथ लगाने से..
कभी-कभी वो बाज नहीं आती, बेमतलब प्यार लुटाने से..
कभी लगे ना जाने कैसा प्यार है, भर देती दिल वो ताने से..
कभी-कभी वो घबरा जाती है, मुझे अपने पास बुलाने से..
कभी-कभी नहीं थकती वो अपनी, पलकों पे मुझे झूलाने से..
कभी दूर मुझसे है हो जाती, अचानक किसी के आने से..
कभी लड़ पड़ती मेरा हाथ पकड़ कर, मेरे लिए वो भरे जमाने से..
कभी परेशान हो जाता उसके, बेमतलब के शर्माने से..
कभी मुश्किल में फंस जाता हूं, परदा भी उसे कराने से..
अब तो मुझे भी डर है उसके, अचानक ही मुस्कुराने से..
क्या सबकी जिंदगी में है कोई ऐसा, या मेरी ही अलग है जमाने से..