![sad punjabi shayari || sooraj te chann ik dujhe nu milde nai](https://zindagiterenaam.com/wp-content/uploads/2020/06/sooraj-te-chann.jpg)
tavi dosti sohni misaal bnaayi jande
bas alvidaa kehnde savere raatan nu
te aapne rishte nu hasske nibhayi jande
लिखता मैं किसान के लिए
मैं लिखता इंसान के लिए
नहीं लिखता धनवान के लिए
नहीं लिखता मैं भगवान के लिए
लिखता खेत खलियान के लिए
लिखता मैं किसान के लिए
नहीं लिखता उद्योगों के लिए
नहीं लिखता ऊँचे मकान के लिए
लिखता हूँ सड़कों के लिए
लिखता मैं इंसान के लिए
क़लम मेरी बदलाव बड़े नहीं लाई
नहीं उम्मीद इसकी मुझे
खेत खलियान में बीज ये बो दे
सड़क का एक गढ्ढा भर देती
ये काफ़ी इंसान के लिए
लिखता हूँ किसान के लिए
लिखता मैं इंसान के लिए
आशा नहीं मुझे जगत पढ़े
पर जगत का एक पथिक पढ़े
फिर लाए क्रांति इस समाज के लिए
इसलिए लिखता मैं दबे-कुचलों के लिए
पिछड़े भारत से ज़्यादा
भूखे भारत से डरता हूँ
फिर हरित क्रांति पर लिखता हूँ
फिर किसान पर लिखता हूँ
क्योंकि
लिखता मैं किसान के लिए
लिखता मै इंसान के लिए
Har or uljhan aur khamoshiyon ka shor hai
Ankhon mein dhua aur sanson mein gubar bhara hai
Bheed ke tamaam chehro par muskan to bani hai
Lekin dilon mein zakham jada aur sukun zara hai 🙃💯
हर ओर उलझन और खामोशियों का शोर है
आँखों में धुँआ और साँसों में गुबार भरा है
भीड़ के तमाम चेहरों पर मुस्कान तो बनी है
लेकिन दिलों में ज़ख्म ज्यादा और सुकून जरा है 🙃💯